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भारत से बलूचिस्तान में मदद की गुहार

८ अक्टूबर २०१५

पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मसला संयुक्त राष्ट्र में उठाए जाने के बाद भारत के बलूचिस्तान पर आक्रामक रुख अपनाने के संकेत हैं. यह भारत की पाकिस्तान नीति में बड़ा बदलाव होगा.

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Pakistan Belutschistan Armee Offensive
तस्वीर: Abdul Ghani Kakar

पाकिस्तानी कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला उठाने का बाद अब भारत बलूचिस्तान के मसले पर भी सख्त रवैया अपना सकता है. बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता ने भारत से समर्थन की अपील की है. बलूचिस्तान लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन बीएलओ के प्रतिनिधि ने दिल्ली में राष्ट्रवादी गुट के नेता नवाबजादा मर्री का बयान पढ़ कर सुनाया.

बलूचिस्तान पाकिस्तान से आजादी की जंग लड़ रहा है और पाकिस्तान का आरोप है कि भारत बलूचिस्तान में अलगाववादियों की मदद करता है. बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी गुट बलूचिस्तान लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन के नेता नवाबजादा मर्री ने भारतीय अखबार द हिन्दू को दिए बयान में कहा, "हम चाहते हैं कि सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की बलूचिस्तान पर साफ पॉलिसी हो."

मर्री ने भारत से साफ समर्थन की मांग करते हुए कहा, "अगर पाकिस्तानी अधिकारी खुले तौर पर कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मिल सकते हैं तो भारत को ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए? हमारे बार बार गिड़गिड़ाने पर भी रेड क्रॉस का ध्यान बलूचिस्तान पर नहीं है. रेडक्रॉस के साथ हॉटलाइन शुरू करने के लिए हम भारत की मदद चाहते हैं."

बीते महीनों में जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर नियमित गोलाबारी होती रही है और भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं.

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जनवरी में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पाकिस्तान और आतंकियों को खुली चुनौती भी दी थी कि अब मुंबई जैसा आतंकी हमला हुआ तो पाकिस्तान को बलूचिस्तान से हाथ धोना पड़ सकता है. पाकिस्तान बलूचिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती कबायली इलाकों में राजनीतिक हिंसा में भारत का हाथ मानता है.

बीएलओ के राजनीतिक प्रतिनिधि बलाच परदिली ने 4 अक्टूबर को दिल्ली में एक गोष्ठी को संबोधित करते हुए ये मुद्दा उठाया. बीएलओ के मुताबिक उनका प्रतिनिधि परदिली 2009 से दिल्ली में रह रहा है, जो कि मूल रूप से अफगानिस्तान से है. हाल में नवाबजादा मर्री ने उनसे संपर्क कर जनसभा में संबोधन करने और बीएलओ की मंशा आगे रखने को कहा. मर्री बलूचिस्तान की पाकिस्तान से आजादी के मोर्चे पर अहम नेता है. परदिली ने कहा "मैं कोशिश कर रहा हूं कि नवाबजादा मर्री की दिल्ली यात्रा संभव हो सके."

अखबार से बातचीत में परदिली ने कहा कि वह भारत में सुरक्षित महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, "बलूचिस्तान तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के बीच बंटा हुआ है. लेकिन पाकिस्तान में बलूच लोगों के खिलाफ 2004 से अब तक पांच मिलिटरी ऑपरेशनों में 19,000 लोग मारे जा चुके हैं और बड़ी संख्या में लापता और विस्थापित हुए हैं. उनका आरोप है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में भी बलूचों को तालिबान के हाथों पीड़ित होने को प्रोत्साहित करता है."

एसएफ/एमजे