अब कभी नहीं जाएगी लाइट
१९ मार्च २०१४भारत सरकार और चेन्नई के भारतीय तकनीकी संस्थान आईआईटी ने एक नई साझेदारी की है जो भारत के ऊर्जा सेक्टर के लिए वरदान साबित हो सकती है. यह देश में बार बार बिजली कटौती की समस्या का हल साबित हो सकती है.
भारत के कई राज्य पावर कट की समस्या से जूझ रहे हैं. कहीं कभी भी बिजली चली जाती है, तो कहीं रोज तीन चार घंटे गुल रहती है. गांवों की तो बात ही छोड़िये. खेतों में काम करने वालों के लिए जहां दिन में बिजली होनी चाहिए वहीं उन्हें बेवक्त बिजली दी जाती है. कई मामलों में उनका पूरा दिन बिजली आने के हिसाब से चलता है.
निश्चित ही यह उद्योगों, खेती और छोटे मझौले व्यवसायों और कारखानों के लिए गंभीर परेशानी है. मदुरै के छोटे व्यापारी उदय कुमार कहते हैं, "पांच साल से भी ज्यादा से हमें बिजली कटौती के कारण काफी परेशानी हुई है. कुछ को दुकान बंद करनी पड़ी. लेकिन अगर सरकार हमें बिजली दे सकेगी, तो हम इसका स्वागत करेंगे."
बेसिक बिजली
उदय कुमार नई तकनीक के बारे में सुनकर खुश हैं. दक्षिण भारत के चार राज्यों में इसका परीक्षण किया जा रहा है. अनइंटरप्टेड डाइरेक्ट करंट (यूडीसी) नाम की तकनीक ग्रिड से सीधे बिजली पंखे, टीवी, ट्यूबलाइट और मोबाइल फोन चार्जर जैसे उपकरणों तक पहुंचाती है, भले ही पावर कट का समय हो या बिजली की मांग ज्यादा हो और आपूर्ति कम, जैसे गर्मियों के दिनों में.
यह आयडिया है आईआईटी चेन्नई के भास्कर राममूर्ति और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और प्रधानमंत्री के विज्ञान सलाहकार अशोक झुनझुनवाला का. राममूर्ति बताते हैं कि यूडीसी घरों को हर दिन कम से कम सौ वॉट बिजली देगा. इसके लिए उन्हें एक छोटा अतिरिक्त उपकरण लेना होगा. वह बताते हैं, "घर में आप मीटर के साथ एक छोटा उपकरण और लगा दें. इससे एसी पावर के अलावा हम 48 वोल्ट का डीसी भी दे सकते हैं. यह आपको सिर्फ 48 वोल्ट डीसी और सौ वॉट ग्रिड से देगा लेकिन पूरे 24 घंटे बिजली रहेगी."
नए एलईडी बल्ब
बिजली कटौती की स्थिति में भी न्यूनतम बिजली घर को मिलती रहेगी. राममूर्ति कहते हैं इसकी मदद से ब्लैकआउट जितना अंधेरा नहीं होगा. एक अलग मीटर से तीन लाइटों, दो पंखों और एक मोबाइल चार्जर को बराबर बिजली मिलती रहेगी. जो इस स्कीम में शामिल होना चाहते हैं उन्हें हजार रुपये का एक उपकरण लेना होगा. साथ ही एलईडी बल्ब और वैसे पंखे लेने होंगे जो सीधे डाइरेक्ट करंट पर चलते हैं. इससे लाखों घरों को ज्यादा मांग या पावर कट की स्थिति में भी बिजली मिलती रहेगी. अगर यूडीसी में सोलर पैनल भी लगा दिए जाएं तो करंट और बढ़ जाएगा. यह सिस्टम इतना सक्षम है कि बड़े कॉम्पलेक्स भी यूडीसी और सोलर पैनल की मदद से डीजल जनरेटर से पीछा छुड़ा सकेंगे.
तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और आंध्रप्रदेश में इस तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है जो भारत की तस्वीर बदल सकता है.
रिपोर्टः मुरली कृष्णन/एएम
संपादनः ईशा भाटिया