भारत में सामूहिक सफाई अभियान शुरू
२ अक्टूबर २०१४स्वच्छ भारत अभियान के आधिकारिक रूप से शुरू होने से पहले ही भारत सरकार के कई मंत्री बड़ा सा झाड़ू लेकर सफाई करते दिखाई पड़े. कई जिलों में जिलाधिकारियों ने भी सफाई शुरू की. साफ सफाई बरकरार रखना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जिसे आदत में शुमार करना होगा.
देश की राजधानी दिल्ली में ही हर दिन 15,000 टन कचरा जमा होता है. यह वह कचरा है जो नगर निगम उठाकर ले जाता है. कस्बों और छोटे शहरों की हालत तो और खराब है. वहां न तो कूड़ेदान हैं और न ही नगरपालिकाएं इतनी सक्षम हैं. समाज की सोच भी आड़े आती है. कूड़ा फेंकने वालों से ज्यादा खराब कूड़ा साफ करने वालों को समझा जाता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक भारत में 50 फीसदी से ज्यादा बीमारियां गंदगी की वजह से होती हैं. देश में जगह जगह प्लास्टिक से सने कचरे का ढेर दिखना आम बात है. भारत घूमने वाले पर्यटक भी अक्सर यह शिकायत जरूर करते हैं कि भारत में बेहद गंदगी है.
दो अक्टूबर को गांधी जंयती के मौके पर नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है. इस मौके पर केंद्र सरकार के 31 लाख कर्मचारी सफाई अभियान में शामिल होंगे. राज्य सरकारों ने भी अपने लाखों कर्मचारियों से इसमें शामिल होने को कहा है. मोदी चाहते हैं कि 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर देश पूरी तरह साफ हो.
दो अक्टूबर 2014 से शुरू होने वाले देशव्यापी अभियान के तहत वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाया जाएगा. अधिकारियों से कहा गया है कि वो अपने कार्यालय परिसर को साफ रखें. परिसर में जमा निर्माण सामग्री, इस्तेमाल न होने वाले वाहन और कचरे को साफ करने का भी निर्देश दिया गया है.
ओएसजे/एमजे(पीटीआई)