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भारत में ये हैं भुगतान के डिजिटल विकल्प

१० मार्च २०१७

आम जनता को भुगतान के डिटिजल विकल्पों से जोड़ने के लिये सरकार ने कई इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लॉन्च किये हैं. इनका मकसद नकदी के इस्तेमाल को कम कर कैशलेश अर्थव्यवस्था तैयार करना है. एक नजर देश में मौजूद ऐसे कुछ विकल्पों पर.

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Business Man Arriving To Hotel Give Meeting Woman Receptionist Credit Card Pay Room Registration At Reception (AltoPress / Maxppp)
तस्वीर: colourbox.de

(यूपीआई)

सरकारी एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने अगस्त 2016 में इस सेवा को लॉन्च किया था पर इसके इस्तेमाल को लेकर बाजार में सुस्ती बनी रही. लेकिन  दिसंबर में प्रधानमंत्री मोदी के भीम ऐप (बीएचआईएम) लॉन्च करने से इसके प्रदर्शन में सुधार आया. आज तमाम सरकारी और निजी ऋणदाता कंपनियां यूपीआई की इस ऐप का इस्तेमाल कर रही हैं. भीम को अब तक 1.7 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है. इस सिस्टम में उपयोगकर्ता को एक यूनिक वर्चुअल पेमेंट ऐड्रेस तैयार करना होता है जो देखने में ई-मेल की तरह लगता है लेकिन इसका इस्तेमाल पैसे के लेन-देन के लिये किया जाता है. हर प्रोफाइल में एक विशिष्ट क्विक रिस्पॉन्स (क्यूआर) कोड होता है जिसका इस्तेमाल पैसे के लेन-देन में होता है.

इंडिया/ भारत क्यूआर

यह ऐपलिक्शेन क्विक रिस्पॉन्स कोड पर आधारित है जिसमें कार्ड के बिना, एक खास प्रकार के लेबल के जरिये लोगों के पास भुगतान की और कारोबारियों के पास भुगतान मंजूर करने की सुविधा होती है. वैश्विक नेटवर्क कार्ड प्रदाता मास्टरकार्ड और वीजा इंक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान कॉरपोरेशन के साथ मिलकर इस पर काम कर रही हैं. पिछले महीने भारत में इस सेवा को लॉन्च किया गया था.

आधार पे

इस भुगतान सेवा के लिये भारत के राष्ट्रीय बायोमेट्रिक पहचान पत्र का उपयोग होता है. इनके लिये प्वाइंट-ऑफ-सेल्स (पीओएस) मशीन की आवश्यकता नहीं होती जिसे क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिये इस्तेमाल किया जाता है. आधार पे पर पंजीकृत कारोबारी को अपना फोन, बायोमैट्रिक रीडर से जो़ड़ सकता है जिसमें ग्राहक अपने फिंगरप्रिंट के जरिये भुगतान कर सकेंगे.

एए/ओएसजे (रॉयटर्स)