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भारत में बन दुनिया में बिकेगा अमेरिकी पानी

२३ अक्टूबर २०१०

ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से मौसम के बदलाव ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है पानी को. इस वजह से पैदा हुई असमानता को दूर करने के मकसद से एक व्यापारिक योजना के तहत अमेरिका का पानी भारत लाया जाएगा.

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अलास्का की जमी हुई झील पर पर्यावरणविदतस्वीर: DW

मुंबई में पानी का बड़ा केंद्र बनाया जाएगा. यहां अमेरिका में अलास्का की एक झील से पानी लाया जाएगा. इसके बाद इसे बोतलों में बद करके मध्य पूर्व के शहरों को निर्यात किया जाएगा.

टेक्सास के सैन एंटोनिया की एक कंपनी ने इस योजना का एलान किया है. इसके तहत हर साल सिटका की ब्लू लेक रिजरवॉयर से 12 अरब गैलन पानी मुंबई लाया जाएगा.

तीन किलोमीटर में फैली सिटका की इस झील में खरबों लीटर पानी है. इसके आसपास 9000 से भी कम लोग रहते हैं और उनकी जरूरत के हिसाब से पानी कहीं ज्यादा है. यह पानी साफ है और इसे बिना किसी ट्रीटमेंट के ही पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यहां कुछ बॉटलिंग प्लांट्स लगाए गए हैं जहां से अमेरिका में कई जगहों के लिए पानी की सप्लाई की जा रही है.

अब टेक्सास की कंपनी एस2सी ग्लोबल सिस्टम्स इस पानी को दुनिया के कई हिस्सों में पहुंचाने की तैयारी कर रही है. कंपनी की योजना है कि हर साल झील से 10.9 अरब लीटर पानी निकाला जाए. यह पानी पांच लाख लोगों के शहर की जरूरतें पूरी कर सकता है. इस पानी को टैंकरों में भरकर मुंबई लाया जाएगा. वहां इसे बोतलों में भरा जाएगा और निर्यात किया जाएगा. मुंबई में बॉटलिंग प्लांट बन जाने के 18 महीने के भीतर पानी निर्यात करने का काम शुरू हो जाएगा.

अमेरिका में कंपनी के प्रेजिडेंट रॉड बार्टलेट ने कहा है कि कंपनी भारत और आसपास के इलाकों में उत्साहजनक भविष्य देख रही है. यहां से पानी मध्य पूर्व के देशों को भेजा जाएगा. इनमें इराक भी शामिल है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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