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भारत में बनेगा यौन शोषण रोकने के लिए कानून

४ नवम्बर २०१०

भारत में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण की गंभीर समस्या को देखते हुए सरकार इससे निपटने के लिए कानून बनाने जाने जा रही. लंबे समय के इंतजार के के बाद सरकार इस कानून के मसौदे को संसद में पेश कर रही है.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

इसके संसद से पारित होने पर कानून में तब्दील होने पर महिलाओं को कामकाज के लिए सुरक्षित जगह मिल सकने की उम्मीद की जा सकती है. सरकार ने यौन शोषण विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने का को मंजूरी दे दी.

गुरूवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. इसमें कार्यस्थल पर किसी महिला का यौन शोषण होने पर मालिक या नियोक्ता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी शामिल है.

प्रस्तावित कानून के दायरे में निजी और सार्वजनिक कंपनियों के अलावा असंगठित क्षेत्र के उद्योग भी आएंगे. इसका मकसद महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में कामकाज का सुरक्षित वातावरण मुहैया करना है. जिससे वे बिना किसी भय के काम कर सकें और संविधान में दिए गए लैंगिक समानता तथा स्वतंत्रता पूर्वक अपनी मर्जी से जीवन जीने का अधिकार उन्हें मुहैया कराया जा सके.

हालांकि घरेलू नौकर के तौर पर काम करने वाली महिलाएं प्रस्तावित कानून के दायरे में नहीं रखी गईं हैं. कानून के जानकार और सामाजिक कार्यकर्ता इसे विधेयक की खामी बता रहे हैं. इनका कहना है कि भारत में ऐसी महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा है और इनके शोषण की शिकायतें भी व्यापक पैमाने पर मिल रही हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/ निर्मल

संपादनः एन रंजन

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