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"भारत में निवेश करना चाहता है जर्मनी"

आईबी/ओएसजे४ अक्टूबर २०१५

जर्मनी के चौथे सबसे बड़े बैंक 'डीजैड बैंक' में भारत के प्रतिनिधि अनुपम चतुर्वेदी ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया कि जर्मनी भारत में निवेश तो करना चाहता है लेकिन राह में कुछ रोड़े हैं.

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Hannover Messe Eröffnung Merkel Modi
तस्वीर: Reuters/W Rattay

मैर्केल के भारत दौरे से उम्मीदें

अनुपम चतुर्वेदी का कहना है कि व्यापार के लिहाज से भारत और जर्मनी के रिश्ते हमेशा से अच्छे ही रहे हैं और मैर्केल के दौरे से काफी उम्मीदें जोड़ी जा रही हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से मोदी ने जर्मनी आकर मेक इन इंडिया का प्रचार किया, उसी तरह अब मैर्केल के भारत आने पर मोदी मेक इन इंडिया पर खासा जोर देंगे.

इसके अलावा स्किल डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जर्मनी भारत की मदद कर रहा. अनुपम चतुर्वेदी ने कहा, "कुछ जर्मन कंपनियों की मदद से कुछ राज्यों में कम समय में ही स्किल डेवलपमेंट सेंटर शुरू भी किए जा चुके हैं." साथ ही उनका कहना है कि पावर सेक्टर में निवेश के लिहाज से भी जर्मनी हमेशा से एक अहम साझेदार रहा है, "लेकिन बड़ी समस्या यह है कि भारत और ईयू के बीच मुक्त व्यापार संधि अभी तक साइन नहीं हुई है, इसलिए सीधा विदेशी निवेश रुका हुआ हैं."

मेक इन इंडिया

इसी साल अप्रैल में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी पहुंचे, तो हनोवर में एक भव्य कार्यक्रम भी रखा गया, जिसमें मेक इन इंडिया को लॉन्च किया गया. अब मैर्केल के स्वागत में मेक इन इंडिया का शेर कैसे दहाड़ेगा, यह देखना होगा.