भारत में आज ब्लैकबेरी का इम्तिहान
१९ अगस्त २०१०रिसर्च इन मोशन (आरआईएम) गृह मंत्रालय के अधिकारियों को बताएगी कि कैसे ब्लैकबेरी मैसेंजर को इंटरसेप्ट किया जा सकता है. आरआईएम के अधिकारी खुद सरकारी अफसरों को यह करके दिखाएंगे. यह एक किस्म की ट्रेनिंग ही होगी, जिसमें सरकारी अधिकारियों को ब्लैकबेरी मैसेंजर इंटरसेप्ट करना सिखाया जाएगा.
आरआईएम ने पहले सरकार को मैंसेजर इंटरसेप्ट कैसे किया जाता है यह बताने की कोशिश की थी. इस पर गृह मंत्रालय ने कहा कि कागजी या जुबानी ज्ञान से काम नहीं चलेगा, प्रैक्टिकल करके दिखाना पड़ेगा. इसके बाद ही बुधवार के टेस्ट का आयोजन किया गया है.
भारत में ब्लैकबेरी का भविष्य काफी हद तक इस परीक्षा पर टिका है. सूत्रों का कहना है कि अगर ब्लैकबेरी सफल होता है तो कंपनी की मुश्किलें कम हो सकती हैं. वरना ब्लैकबेरी बनाने वाली कंपनी आरआईएम को भारत में अपना कारोबार समेटना पड़ सकता है. सरकार पहले ही कह चुकी है कि अगर आरआईएम ने उसकी सुरक्षा संबंधी चिताएं दूर नहीं कीं तो 31 अगस्त के बाद भारत में ब्लैकबेरी पर बैन लग जाएगा.
इससे बचने के लिए आरआईएम ने कहा है कि सितंबर से भारत को ब्लैकबेरी मैंसेंजर की मैनुअल एक्सेस दी जाएगी. और साल के अंत तक ऑटोमैटिक एक्सेस सिस्टम सरकार के हवाले कर दिया जाएगा.
भारत में ब्लैकबेरी के करीब 10 लाख उपभोक्ता हैं. कंपनी का कारोबार तेजी से फैल रहा है लेकिन इस विवाद से ब्लैकबेरी की बिक्री पर खासा बट्टा लगा है. भारत में ब्लैकबेरी से भेजे गए मैसेज ट्रेस नहीं किए जा सकते हैं. गृह मंत्रालय का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से यह एक बड़ी चूक है. नवंबर 2008 में मुंबई पर हुए हमलों का जिक्र करते हुए सरकार ने कहा है कि हमलावरों ने सैटेलाइट और इंटरसेप्ट न हो पाने वाले फोनों का इस्तेमाल किया था.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल