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भारत में अफसर को जिंदा जलाया

२५ जनवरी २०११

महाराष्ट्र में अपर जिलाधिकारी को माफिया गैंग के लोगों ने जिंदा जलाया. नासिक का स्थानीय माफिया अधिकारी के सख्त रुख से ऐसा तिलमिलाया कि बदमाशों ने दिन दहाड़े अपर जिलाधिकारी को दबोचा और आग लगा दी.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

42 साल के अपर जिलाधिकारी यशवंत सोनावणे अपने ड्राइवर के साथ दौरे पर निकले. रास्ते में वह मनमाड के एक ढाबे पर रुके. वहां एक तेल टैंकर से ईंधन निकाला जा रहा था. सोनावणे टैंकर के पास पहुंचे और तेल निकाल रहे लोगों से पूछताछ करने लगे. इस दौरान व्यक्ति फरार हो गया और सोनावणे ने सप्लाई इंस्पेक्टर को निरीक्षण के लिए बुलाया.

सप्लाई इंस्पेक्टर के इंतजार में सोनावणे मौके पर ही मौजूद रहे. लेकिन तभी कुछ लोग मोटसाइकल पर आए और सोनावणे की पिटाई शुरू कर दी. महाराष्ट्र पुलिस के एडिशनल डीजीपी पी रंघुवशी के मुताबिक हमलावरों ने सोनावणे को जमीन पर गिराया और उनके ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी. पुलिस के मुताबिक अपर जिलाधिकारी पेट्रोल, डीजल और केरोसिन माफिया के ठिकानों पर छापे मारने गए थे.

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कड़ी कार्रवाई करेंगे: चव्हाणतस्वीर: UNI

वारदात के बाद काफी देर तक अधिकारी का शव जस का तस पड़ा रहा. सोनावणे की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक पोपट शिंदे नाम के इस शख्स ने अपने बेटे और साथियों से साथ वारदात को अंजाम दिया. आरोपी ने पुलिस के दिए बयान में गुनाह कबूल किया है.

महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के मुताबिक नासिक और उसके पास के इलाकों में इन दिनों पेट्रोल, डीजल और केरोसिन में खूब मिलावट हो रही है. बेहद ईमानदार माने जाने वाले सोनावणे इस मिलावट के खिलाफ कदम उठा रहे थे. लेकिन आर्थिक तरक्की, नेताओं को अपार सुरक्षा और गणतंत्र की दुहाई देने वाले देश में ऐसे ईमानदार अफसर की खुलेआम बर्बरता से हत्या कर दी गई.

ऐसे बेखौफ माफियाओं के पूरे तंत्र को जड़ से मिटाने के बजाए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण सिर्फ इस घटना की बात कर रहे हैं. वह कहते हैं, ''हम दोषियों को कानूनी कार्रवाई तक पहुंचाएंगे.'' इन इलाकों में जनता प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य मंत्री भी बयान पर बयान दिए जा रहे हैं. कार्रवाई आगे होती रहेगी. लेकिन सच्चाई यही है कि महाराष्ट्र में एक ईमानदार अफसर की हत्या हो चुकी है.

उप जिलाधिकारी सारिका नायक कहती हैं कि ऐसी हिला देने वाली वारदातें अधिकारियों के मनोबल को तोड़ देती है. ऐसा ही मामला 2005 में यूपी में भी सामने आया था. तब पेट्रोल माफियाओँ ने आईओसी के ईमानदार अफसर मंजूनाथ की सरेआम हत्या की. 62वें गणतंत्र की तैयारियों और परेडों में जुटे भारत में छह साल बाद फिर तेल माफियों ने फिर साबित कर दिया है कि देश में आम और ईमानदार आदमी आए दिन किस छटपटाहट के साथ जीता है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

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