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भारत बंद- कई राज्यों में असर

२७ अप्रैल २०१०

महंगाई के विरोध में तीसरे मोर्चे के बंद के आह्वान का असर देश के कई राज्यों में दिखाई दिया. सबसे ज़्यादा असर वामपंथी सत्ता वाले राज्य केरला और पश्चिम बंगाल में देखा गया. उड़ीसा और उत्तरप्रदेश भी बंद से प्रभावित.

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कई राज्यों में हड़ताल का असरतस्वीर: AP

आईपीएल विवाद, फ़ोन टैपिंग विवाद पर सरकार विपक्ष के वारों का सामना कर रही है और अब विपक्षी दलों ने एकजुट होकर महंगाई के मुद्दे पर भारत बंद का आह्वान किया है. विपक्षी दलों का कहना है कि लंबे समय से ज़रूरी वस्तुओं के दाम बढ़ते जा रहे हैं और सरकार उन पर लगाम कसने में विफल रही है. इसी के विरोध में उन्होंने भारत बंद बुलाया है और यह सरकार की नीतियों के विरोध को हवा देने का प्रयास है.

Bharatiya Janta Party (BJP) Hauptquartier
तस्वीर: AP

मंगलवार को बुलाए भारत बंद में ग़ैर यूपीए और ग़ैर एनडीए 10 से ज़्यादा राजनीतिक दल हिस्सा ले रहे हैं. इन पार्टियों में सीपीआई, सीपीएम, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, लोकजनशक्ति पार्टी, बीजू जनता दल, फ़ॉरवर्ड ब्लॉक, एआईएडीएमके, आरएसपी, आईएनएलडी और जेडी एस शामिल हैं.

मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इस बंद में शामिल नहीं होने की बात कही है. कोलकाता में बंद के प्रभाव से निपटने के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए.

विपक्ष संसद में भी सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर रहा है. विपक्षी दलों ने सरकार के ख़िलाफ़ बजट में कटौती प्रस्ताव लाने की बात कही है. इसे संसद में सरकार के सामने शक्ति परीक्षण की चुनौती के रूप में भी देखा जा रहा है.

बहुजन समाज पार्टी ने यूपीए सरकार को समर्थन देने का संकेत दिया है. बीएसपी के संसद में 21 सांसद हैं. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विश्वास जताया है कि यूपीए गठबंधन कटौती प्रस्ताव को विफल साबित कर देंगे.

संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल ने बताया कि सरकार को भरोसा है कि वित्तीय बिल पास हो जाएंगे और अगर कटौती प्रस्ताव लाया जाता है तो फिर विपक्ष को हार का मुंह देखना पड़ेगा.बीजेपी ने घोषणा की है कि एनडीए के घटक दलों ने सासंदों को व्हिप जारी किया है. कटौती प्रस्ताव के ज़रिए सरकार के बहुमत का परीक्षण होता है और अगर कटौती प्रस्ताव पर मतदान में सरकार की हार होती है तो उसे इस्तीफ़ा देना पड़ सकता है.

बीजेपी ने कटौती प्रस्ताव पर मतविभाजन की मांग करने की बात कही है. पार्टी नेता सुषमा स्वराज ने बताया कि डीज़ल, पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी के चलते कटौती प्रस्ताव लाया जा रहा है.

सत्ताधारी गठबंधन के सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल से बातचीत जारी है. यूपीए का मानना है कि फ़िलहाल कोई भी चुनाव नहीं चाहता है और विपक्ष सरकार गिराने के मूड में नहीं है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा