भारत पाक विदेश सचिवों की बैठक आज
२४ जून २०१०भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव इस्लामाबाद पहुंच गई हैं और गुरुवार को उनकी पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर से मुलाकात होगी. माना जा रहा है कि भारत का जोर सीमा पार आतंकवाद पर रहेगा. भारत का कहना है कि आतंकवाद के चलते ही दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाने में दिक्कतें सामने आ रही हैं.
थिम्पू में सार्क सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के बीच सहमति बनी कि अविश्वास को दूर करने के लिए विदेश मंत्री और विदेश सचिव स्तर की वार्ता होनी चाहिए. भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 15 जुलाई को मिल रहे हैं और उस बैठक की जमीन तैयार करने के लिए विदेश सचिव स्तर की वार्ता हो रही है.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया है कि भारत पाकिस्तान को आतंकवाद से जुड़ी हुई अपनी चिंताओं से अवगत कराना चाहेगा. भारत के मुताबिक लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों से आतंकवादी हमलों का खतरा बना हुआ है. बैठक के दौरान मुंबई हमले का मुद्दा भी उठेगा और भारत पाकिस्तान से मांग करेगा कि मुंबई हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए. जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद को भारत मुंबई हमले का मास्टरमांइड मानता है लेकिन वह पाकिस्तान में बेरोकटोक घूम रहा है.
पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले विदेश सचिव निरुपमा राव ने कहा कि अगर भारत और पाक विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, मजबूत और खुशहाल बनकर उभरना चाहते हैं तो दोनों देशों की सरकारों को आपसी विवादों के समाधान पर केंद्रित नजरिया अपनाना होगा. दशकों से कायम मुश्किलों को चुटकी बजाते ही हल नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों को वास्तविक लक्ष्य तय करने चाहिए.
पाकिस्तानी पक्ष तय मान रहा है कि भारत की ओर से आतंकवाद का मुद्दा उठाया जाएगा लेकिन उसे उम्मीद है कि बात सिर्फ यहीं पर आकर नहीं ठहर जाएगी. पाकिस्तान भारत के साथ संयुक्त आतंकवाद विरोधी ढांचे में भी फेरबदल चाहता है और बैठक के दौरान यह मुद्दा उठेगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह