सोची में तिरंगा
११ फ़रवरी २०१४आईओसी के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने मंगलवार को बताया कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को समिति के बैनर तले लाने का फैसला तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएगा. सोची में अब तक भारतीय एथलीट ओलंपिक झंडे के तहत हिस्सा ले रहे थे, लेकिन अब वे भारतीय झंडे के साथ प्रतियोगिता में उतर सकते हैं. वैसे भारत ने विंटर ओलंपिक में कभी भी कोई पदक नहीं जीता है. एडम्स ने यह भी बताया कि इस फैसले के बाद सोची के खेल गांव में भारत का झंडा फहराने का एक खास आयोजन किया जाएगा.
यह पहला मौका है जब किसी देश का निलंबन ओलंपिक खेलों के बीच में खत्म किया गया है. भारत के जो तीन एथलीट विंटर ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं. वैसे यह निर्णय आने से पहले ही भारत के टॉप विंटर ओलंपिक एथलीट शिव केशवन ल्यूज प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं. उन्होंने 39 एथलीटों के बीच 37वां स्थान हासिल किया. केशवन के अलावा भारत की ओर से क्रॉस कंट्री स्की में हिस्सा ले रहे नदीम इकबाल और स्लालोम स्की के हिमांशु ठाकुर भी हैं. पदक जीतने के अलावा ओलंपिक खेलों के उद्घाटन और समापन समारोहों में राष्ट्रीय ध्वज लहराए जाते हैं. उद्घाटन समारोह में भारत को ओलंपिक के झंडे के तले शामिल होना पड़ा था लेकिन 23 फरवरी को समापन समारोह में उसके खिलाड़ी राष्ट्रीय ध्वज के साथ हिस्सा ले सकेंगे.
पिछले 14 महीनों से आईओए पर लगा निलंबन का आदेश तब हटा जब भारतीय संघ ने नौ फरवरी को अंतरराष्ट्रीय समिति के निर्देशों के मुताबिक अपने संविधान में बदलाव किए और नए चुनाव कराए. इस चुनाव में विश्व स्क्वैश संघ के प्रमुख नारायण रामचंद्रन को अध्यक्ष और राजीव मेहता को महासचिव चुना गया है. इसके साथ ही कई नए अधिकारियों का चुनाव भी हुआ. रामचंद्रन 2008 से 2012 के बीच आईओए के कोषाध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के छोटे भाई भी हैं. श्रीनिवासन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अध्यक्ष बनना लगभग तय है.
भारतीय ओलंपिक संघ को अंतराष्ट्रीय संघ ने तब निलंबित कर दिया था जब आईओए ने दिसंबर 2012 के चुनाव में ललित भनोट को महासचिव और अभय चौटाला को अध्यक्ष चुना. भनोट का नाम कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में सामने आ चुका है. जबकि अभय चौटाला नौकरी दिलाने से जुड़े एक घोटाले में आरोपी हैं. अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने आईओए से मांग की थी कि वह दागी अधिकारियों को बाहर करने के लिए संविधान में बदलाव लाए और फिर से चुनाव कराए.
आरआर/एजेए (एपी, रॉयटर्स, डीपीए)