भारत के सामने खड़ी है हार
२१ जुलाई २०१०दुनिया के पहले नंबर की टीम के सामने इन्हीं दिलचस्प आंकड़ों से टकराने का मौका बचा है. बाकी का खेल तो पीछे छूट चुका है. कागज पर सबसे ताकतवर टीम के 12 विकेट एक दिन में गिर गए. गौतम गंभीर की कला और राहुल द्रविड़ की दीवार भरभरा चुकी है. चौथे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने दूसरी पारी में पांच विकेट के नुकसान पर 181 रन बना लिए हैं. लक्ष्मण क्रीज पर हैं लेकिन दूसरी तरफ कोई बल्लेबाज नहीं बचा.
पहली पारी में पांच सौ से ज्यादा का स्कोर इतना खतरनाक होगा, किसी ने नहीं सोचा था. खास तौर पर इसलिए भी कि दूसरे दिन का खेल हो ही नहीं पाया. भारतीय गेंदबाजों के लिए जहां श्रीलंका के आठ बल्लेबाजों को आउट करने में ही पसीने छूट गए, वहीं श्रीलंकाई गेंदबाजों ने बड़े आराम से डेढ़ दिन में भारत की पारी डेढ़ बार ढहा दी है.
तीन विकेट पर 140 रन से आगे खेलने उतरी भारतीय क्रिकेट ने टीम चौथे दिन तो अच्छी शुरुआत की और वीरेंद्र सहवाग ने ताबड़तोड़ शतक भी जड़ दिया. लगा जैसे 320 रन की मनोवैज्ञानिक लकीर पार हो जाएगी. फॉलो ऑन से बचने के लिए इतने ही रनों की जरूरत थी. लेकिन तभी वह चल पड़ा, जिसे क्रिकेट में जादूगर कहते हैं. वैसे उसका नाम मुथैया मुरलीधरन है. मुरली ने अपनी धुनों में भारतीय बल्लेबाजों को बांध दिया. एक एक कर विकेट बटोरने लगे और पहली पारी में पांच विकेट जमा कर लिए. भारत की पहली पारी 276 रन पर खत्म हो गई और उसे फॉलो ऑन खेलना पड़ा.
अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे मुरली के खाते में दूसरी पारी के दो विकेट मिलाने के बाद 798 विकेट हो चुके हैं. भारत के पांच विकेट बचे हैं और इनमें से सिर्फ दो मुरली को अपनी झोली में चाहिए. फिर वह एक ऐसा इतिहास रच कर विदा होंगे, जिसे आने वाले दिनों में तो कोई तोड़ता नजर नहीं आ रहा है.
पहली पारी के आधार पर 244 रन से पीछे चल रही टीम इंडिया ने दूसरी पारी में भी पहला विकेट सिर्फ तीन रन पर गंवा दिया. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने रंग जमा दिया. लेकिन 84 रन पर पहुंचने के बाद वह भी विदा हो गए. दूसरी तरफ से वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ पहले ही साथ छोड़ चुके थे. करियर के ढलान पर पहुंच चुके द्रविड़ की बल्लेबाजी में कोई खास दम नहीं दिखा. पहली इनिंग्स में 18 रन बनाने वाले द्रविड़ ने दूसरी पारी में किसी तरह 44 रन बनाए, 152 गेंदें खेल कर. इसके बाद युवराज सिंह भी आए और चले गए. शायह उन्होंने भी अपना कोटा पहली पारी में ही पूरा कर दिया था. युवराज के आउट होने के बाद अंपायर ने दिन का खेल खत्म घोषित कर दिया.
गॉल का यह विकेट चौथी पारी के लिए बहुत अच्छा नहीं माना जाता. आखिरी दिन भारतीय टीम के सामने ज्यादा से ज्यादा वक्त काटने की चुनौती होगी. लेकिन मुरली की घूमती गेंदों के सामने यह कर पाना भी मुश्किल होगा. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वीवीएस लक्ष्मण को पांचवें दिन का खेल शुरू करना है. इस जोड़ी के टूटने के साथ ही बल्लेबाजों का कोटा खत्म हो जाएगा. हरभजन सिंह, इशांत शर्मा और मिथुन पर कितना भरोसा किया जा सकता है, बताने की जरूरत नहीं. भारतीय पारी अभी 63 रन पीछे है. अगर वह दो सत्र का वक्त काट भी लेती है, तो भी इतने रन जुटाने की गारंटी नहीं है, जिसे श्रीलंका पूरा न कर पाए.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ
संपादनः ओ सिंह