भारत की निक्की ने अमेरिका में झंडे गाड़े
३ नवम्बर २०१०वैसे निक्की को भी इस बात का अहसास है कि उन्होंने क्या कारनामा किया है. जीत के बाद उन्होंने कहा, "कल सुबह हर जगह इस बात की चर्चा होगी और बहुत से लोग कहेंगे हमने इतिहास रच दिया. कुछ मायनों में आप मेरी तरफ देखकर यह कह सकते हैं, हां हमने कर दिया."
जीत से उत्साहित निक्की को अपनी जिम्मेदारी का अहसास भी है, निक्की ने कहा, "इस जीत को मैं बदलाव की शुरुआत बनाना चाहती हूं. हम जहां हैं उस स्थिति को बदलना चाहते हैं, अब इतिहास वह होगा जो हम करेंगे."
पर पंजाबी मां-बाप की अमेरिकी गवर्नर बेटी ने अपने शुरुआती भाषण में अपनी जड़ों का ज्यादा जिक्र नहीं किया, सिवाए इसके कि उनके मां बाप कहते हैं अमेरिका में रहना उनके लिए बहुत खुशकिस्मती की बात है. अमेरिकी लहजे में अंग्रेजी बोलती निक्की का पूरा ध्यान लोगों को यही जताने पर था कि वह अमेरिकन हैं और जड़ों से कोई चीज उन्हें जोड़ती है तो बस 80 के दशक का संगीत.
निक्की ने अपने वोटरों को भरोसा दिलाया, "आपने चाहे जिसे वोट दिया हो मुझे उससे सरोकार नहीं है, मैं बस आपके लिए काम करने जा रही हूं."
पेशे से अकाउंटेंट और एक कारोबारी निक्की ने इससे पहले 2004 में साउथ कैरोलाइना के स्टेट ऑफिसर के रूप में सरकारी सेवा की है. वह स्टेट ऑफिस में चुनी जाने वाली पहली अमेरिकी भारतीय महिला थीं.
38 साल की निक्की बैमबर्ग में रहने वाली निम्रता रंधाव की बेटी हैं. अमृतसर से आए उनके मां बाप के दो और बच्चे भी हैं. इससे पहले वह सिले सिलाए कपड़ों के पारिवारिक कारोबार से ही जुड़ी थीं. शादी से पहले निक्की ने प्रोटेस्टेंट ईसाई धर्म अपना लिया पर परिवार की खुशी के लिए अभी भी वह गुरुद्वारों में सेवा करने जाती हैं.
साउथ कैरोलाइन के गवर्नर मार्क सैनफर्ड अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद पद से हट रहे हैं. निक्की उन्हीं की जगह लेंगी. निक्की एक साल से गवर्नर की सीट हासिल करने के लिए कोशिशों में जुटी थी. इस दौरान उन पर कई विवादों का भी साया पड़ा. इनमें सेक्स स्कैंडल से जुड़ा विवाद तो काफी दिनों तक चर्चा में रहा. पर आखिरकार जीत उन्हीं को मिली और अब वह गवर्नर हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार