भारत की खूनी सड़कें
ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में हर घंटे सड़क दुर्घटना में 16 लोगों की जान जाती है. पिछले साल साढ़े चार लाख से ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं और 141,000 से ज्यादा लोग मारे गए. हर मिनट एक दुर्घटना, हर चौथे मिनट एक मौत.
लापरवाही
भारत में सड़कों पर गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लापरवाह ड्राइविंग दुर्घटनाओं की मुख्य वजह है.
खस्ताहाल सड़कें
देश के ज्यादाlर हिस्सों में सड़कों की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है. ऐसे में सावधानी गई दुर्घटना हुई.
खुला खेल
देश तेजी से प्रगति कर रहा है. तेज आधुनिक गाड़ियां आ रही हैं, लेकिन परिवहन के पुराने साधन भी मौजूद हैं.
ज्यादा गाड़ियां
कोलकाता जैसे शहरों में सड़क तो ज्यादा नहीं बने, लेकिन गाड़ियों की संख्या बहुत बढ़ गई है. नतीजा जैम.
जागरूकता
सड़क का इस्तेमाल करने वाले लोग आराम तो चाहते हैं लेकिन सुरक्षा के लिए उनमें जागरुकता का अभाव है.
ट्रैफिक नियम
ट्रैफिक नियम काफी पुराने, ढ़ीले और कम असरदार हैं. ट्रैफिक पुलिस को नियमित ट्रेनिंग देने की भी जरूरत है.
फुटपाथ
पैदल यात्रियों के लिए पर्याप्त फुटपाथ नहीं है. उन्हें सड़के किनारे छोटी जगहों पर या सड़क पर ही चलना पड़ता है.
किसके लिए
बहुत सारे शहरों में गाड़ियों की पार्किंग के बारे में कुछ भी नहीं सोचा गया है. इससे भी अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं.
टेलिफोन
यातायात में टेलिफोन का इस्तेमाल और लापरवाही भी दुर्घटनाओं की एक महत्वपूर्ण वजह है.