1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत और जर्मनी की बढ़ती भूमिका

७ फ़रवरी २०१४

भारत का दौरा कर रहे जर्मन राष्ट्रपति योआखिम गाउक शुक्रवार को बंगलोर पहुंचे. नई दिल्ली के बाद बंगलोर की यात्रा के दौरान वह आईटी कंपनी इन्फोसिस भी जाएंगे और भारत में जर्मनी की बड़ी भूमिका पर बात करेंगे.

https://p.dw.com/p/1B4dD
Gauck in Indien 06.02.2014 Zivilgesellschaft
तस्वीर: Guido Bergmann/Bundesregierung/Getty Images

इन्फोसिस का दौरा करने के बाद राष्ट्रपति गाउक बंगलोर में जर्मन कंपनी बॉश के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे. वह बेर्टल्समन संस्थान की एक बैठक में हिस्सा लेंगे. जर्मन राष्ट्रपति का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और जर्मनी को ज्यादा जिम्मेदारी निभानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि जर्मनी और भारत को अपने रणनीतिक रिश्ते इस स्तर पर बढ़ाने चाहिए ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाए जा सके. "परिषद को आज की सच्चाई दर्शानी होगी, न कि 1945 की." उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र यह सुधार लाता है तो यह संयुक्त राष्ट्र की भी वैधता का संकेत होगा. जर्मनी और भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता चाहते हैं. राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को जलवायु परिवर्तन पर मिलकर काम करना चाहिए.

बंगलोर पहुंचने से पहले नई दिल्ली में उन्होंने कहा, "हम ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कि हम अपनी जिम्मेदारी निभा सकें." नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण से सबकी जिम्मेदारियां बढ़ रही हैं. भारत को जलवायु परिवर्तन में और बड़ी भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में एक अंतरराष्ट्रीय समझौता तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक हर देश अपना सहयोग न दे.

Narayan Murthy Günder von Infosys
इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्तितस्वीर: DW/P.Tiwari

दुनिया भर में कार्बन डाय ऑक्साइड के उत्सर्जन को देखा जाए तो भारत तीसरे स्थान पर है. गाउक ने कहा कि जर्मनी में नवीनीकृत ऊर्जा की नई रणनीति बहुत सफल हुई है. भारत और जर्मनी मिलकर इस सिलसिले में एक समझौता भी कर रहे हैं. रविवार को गाउक म्यांमार के लिए रवाना होंगे.

एमजी/एमजे(डीपीए, पीटीआई)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी