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भारत अभी एनपीटी में नहीं आएगाः अमेरिका

८ अप्रैल २०१०

अमेरिका ने कहा है कि भारत फिलहाल परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) में शामिल नहीं हो रहा है लेकिन उसे ओबामा प्रशासन के साथ मिलकर अप्रसार व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कोशिश करनी चाहिए.

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अमेरिका की नई परमाणु रणनीति की घोषणा के एक दिन बाद अमेरिकी सरकार के एक आला अधिकारी ने कहा कि अमेरिका व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत पर तब तक दबाव नहीं डालेगा जब तक अमेरिकी सीनेट इसका अनुमोदन नहीं कर देती.

अमेरिका के विशेष परमाणु अप्रसार और हथियार नियंत्रण सलाहकार रॉबर्ट जे आइनहोर्न ने एनपीटी पर भारत के सैद्धांधिक विरोध की सराहना करते हुए कहा कि अभी भारत का इस संधि में शामिल होना संभव नहीं दिखता. वह कहते हैं, "भारत अभी और कुछ समय के लिए एनपीटी में शामिल नहीं होने जा रहा है, जैसा कि हम समझते हैं. लेकिन हम चाहते हैं कि भारत हमारे साथ मिलकर अप्रसार व्यवस्था को मजबूत करे. भारत और अमेरिका विश्व परमाणु प्रसार और परमाणु आतंकवाद की चुनौती से निपटने के मामले में तेजी से साझीदार बन रहे हैं. हम भारत के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तर पर अकसर इन बातों की चर्चा करते हैं."

आइनहॉर्न ने कहा कि ओबामा प्रशासन एनपीटी के प्रति भारत के रूख को सराहता और समझता भी है. उनके मुताबिक,  "भारत बहुत दिन से अपने रुख पर कायम है. यह सिद्धांत की बात है. लेकिन हमारे लिए जो जरूरी बात है, वह यह कि भारत जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करता है."

अमेरिकी अधिकारी ने यह बात भी साफ कर दी कि सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिका भारत पर दबाव नहीं डालेगा. वह कहते हैं, "एक बार जब हम इसका अनुमोदन कर देंगे, तो हम भारत के साथ इस विषय में बात करेंगे कि इस अहम संधि को कैसे अमल में लाया जाए. इसे अमल में लाने का मतलब है कि अमेरिका, भारत,  पाकिस्तान और चीन जैसे बहुत से देशों को इसका अनुमोदन करना होगा. और हम भारत से भी इस बारे में बात करेंगे."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़