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भारतीय हैं ऑस्ट्रेलिया के पूर्वज

१५ जनवरी २०१३

अब तक माना जाता रहा है कि ऑस्ट्रेलिया 18वीं सदी तक पूरी दुनिया से कटा हुआ था. जब यूरोप के लोग यहां पहुंचे तब दुनिया को इस अनजाने देश के बारे में पता चला. पर अब पता चला है कि भारतीय तो 4000 साल पहले ही वहां पहुंच चुके थे.

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तस्वीर: dapd

जर्मनी में हुई इस रिसर्च के अनुसार भारतीय चार शताब्दी पहले ही ऑस्ट्रेलिया पहुंच गए थे. वे अपने साथ कुछ जानवरों को भी ले कर गए. रिसर्च का दावा है कि ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले लोगों नहीं बल्कि वहां के कुछ जानवरों की प्रजातियां भी भारतीय मूल की हैं.

वैसे तो ऑस्ट्रेलिया को कंगारुओं के लिए जाना जाता है, लेकिन वहां पाए जाने वाले डिंगो कुत्ते भी कम मशहूर नहीं हैं. कई कहानियों में भी इनका जिक्र होता है. यह जंगली कुत्ते हैं जो अक्सर भेड़ पर हमला कर देते हैं. ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले डिंगो कुत्ते भारतीय कुत्तों से बहुत मिलते जुलते हैं. रिसर्च में इन कुत्तों की जीन संरचना पर शोध किया गया है. डिंगो का डीएनए दक्षिण पूर्वी एशिया के कुत्तों से ज्यादा मिलता है, लेकिन देखने में यह लगभग भारतीय कुत्तों जैसा ही हैं. भारतीय कुत्तों को दुनिया की सबसे अच्छी नस्लों में गिना जाता है. गली में घूमने वाले यह कुत्ते ज्यादातर झुंड में रहते हैं और आक्रामक भी होते हैं. ऑस्ट्रेलिया के डिंगो भी इसी तरह रहते हैं. ये भेड़ियों की तरह चीखते भी हैं.

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ऑस्ट्रेलिया का डिंगो कुत्तातस्वीर: Fotolia/CALLALLOO Canis

यह शोध लाइपजिग के माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट में किया गया है. शोध में कहा गया है, "इस बात के कई प्रमाण हैं कि ऑस्ट्रेलिया के लोगों में जो जीन पाए गए हैं वे 4,000 साल पहले भारत से आए." इस शोध के लिए ऑस्ट्रेलिया के अबोरिजीन समुदाय के लोगों की जीन संरचना की दक्षिण एशियाई लोगों से तुलना की गई. इसमें दक्षिण भारतीयों पर खास ध्यान दिया गया. इस रिसर्च की मानें तो 141 पीढ़ियों पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया का नाता बना, "इस जीन फ्लो की शुरुआत 4,230 साल पहले हुई. यूरोपीय लोगों के ऑस्ट्रेलिया का पता लगाने से बहुत पहले ही भारतीय उपमहाद्वीप से लोगों का प्रवासन शुरू हो गया था और वे ऑस्ट्रेलिया की एबोरीजन आबादी के साथ मिल चुके थे."

रिसर्च टीम का नेतृत्व करने वाली इरीना पुगाच का कहना है, "मजेदार बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया के पुरातात्विक रिकॉर्ड भी इसी समय के बाद से अलग हैं. हमारे पास ऐसे रिकॉर्ड हैं जिनसे पता चलता है कि इस समय के बाद से पौधों के इस्तेमाल में कुछ बदलाव आया और पत्थर का इस्तेमाल कर के कुछ नए तरह के औजार बनाए जाने लगा. साथ ही डिंगो का पहला जीवाश्म भी इसी समय का है." पुगाच कहती हैं कि इस सब को देखते हुए तो यही समझ आता है कि इस समय के आसपास भारत से लोगों ने ऑस्ट्रेलिया आना शुरू कर दिया था और रहन सहन में ये बदलाव भी उन्हीं के कारण आए.

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अबोरिजीन समुदायतस्वीर: picture alliance / dpa

इंसानी विकास के सिद्धांत और पुरातात्विक प्रमाण बताते हैं कि मानव सभ्यता की शुरुआत अफ्रीका में हुई थी. अफ्रीका के अलावा ऑस्ट्रेलिया ही वह जगह है जहां इतने पुराने अवशेष मिले हों. यहां से करीब 45 हजार साल पुराने जीवाश्म मिले हैं. माना जाता है कि 36 हजार साल पहले ऑस्ट्रेलिया भी अफ्रीका का ही हिस्सा था. उस समय ऑस्ट्रेलिया न्यू गीनिया से जुडा हुआ था.

आईबी/ओएसजे (एएफपी)

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