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भारतीय निशानेबाज़ों से आयोजकों ने माफ़ी मांगी

१७ मई २०१०

दबाव के आगे झुकते हुए आईएसएसएफ़ वर्ल्ड कप के आयोजकों ने भारतीय निशानेबाज़ों से मांफ़ी मांगी. डॉरसेट में वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने पहुंचे शूटरों ने दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाने के बाद खेल मंत्री ने मांगी थी रिपोर्ट.

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तस्वीर: picture-alliance/Bildfunk

नेशनल राइफ़ल्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (एनआरएआई) के सचिव राजीव भाटिया ने कहा है कि वर्ल्ड कप आयोजकों ने इस घटना के लिए माफ़ी मांग ली है. "हमारे प्रतिनिधियों और आयोजकों के बीच एक बैठक हुई जहां उन्होंने घटना पर माफ़ी मांगी. मैंने टीम के मैनेजर टी पद्मनाभन से बात की है और वह भी मीटिंग में मौजूद थे. हमने आयोजकों से लिखित माफ़ी की मांग की है और फ़िलहाल हम इस संबंध में उनके ख़त का इंतज़ार कर रहे हैं."

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तस्वीर: AP

मैनेजर टी पद्मनाभन ने लंदन में भारतीय हाई कमीशन से शिकायत दर्ज करते हुए एक पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि वर्ल्ड कप आयोजकों के ट्रांसपोर्ट स्टाफ़ ने भारतीय निशानेबाज़ों का अपमान किया. इसके बाद भारतीय उच्यायोग ने तुरंत हरकत में आते हुए आयोजकों से संपर्क साधा. इधर भारत में केंद्रीय खेल मंत्री एमएस गिल ने मंत्रालय अधिकारियों की एक बैठक बुलाई और उन्हें एनआरएआई और उच्चायोग से घटना की पूरी जानकारी लेने के लिए कहा.

इस मामले के कूटनीतिक रंग लेने की संभावना तब बढ़ गई जब विदेश राज्य मंत्री प्रीनीत कौर ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

शुरुआत में आयोजकों ने विवाद की ज़िम्मेदारी भारतीय शूटरों पर डालने की कोशिश की और कहा कि वे ही ट्रांसपोर्ट स्टाफ़ के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे. इवेंट मैनेजर टॉम वैनहैम ने आरोप लगाया कि भारतीय निशानेबाज़ों ने एक महिला ड्राइवर को गाली दी. लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले मानवजीत सिंह संधू ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि भारतीय शूटरों पर कभी भी दुर्व्यवहार का आरोप नहीं लगा है.

"अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत के शूटरों की इज़्ज़त है. भारत के शूटर बेहतरीन निशानेबाज़ों में गिने जाते हैं और उनका व्यवहार अनुकरणीय होता है. जिस तरह के आरोप हम पर लगाए गए हैं वे बेहद निराशाजनक हैं." मानवजीत के मुताबिक़ आयोजक ख़ुद को बचाने के लिए इस तरह के निराधार आरोप लगा रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने इन आरोपों को इसलिए वापस ले लिया क्योंकि वे जानते हैं कि यह गंभीर मामला है और भारतीय शूटरों ने कुछ ग़लत नहीं किया है.

भारत के मैनेजर पद्मनाभन ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले ट्रैप शूटर मानवजीत सिंह संधू की ट्रांसपोर्ट सुपरवाइज़र ने बेइज़्ज़्ती करते हुए उन्हें बस से उतर जाने के लिए कहा. ट्रांसपोर्ट स्टाफ़ का रवैया बेहद सख़्त था और उसने टीम को बुरे परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.

शूटरों का कहना है कि इस घटना से दो दिन पहले भी ट्रांसपोर्ट विभाग ने दो महिला निशानेबाज़ों को बस से उतरने पर मजबूर कर दिया था.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा