भारतीयों को सुरक्षा देंगे: करज़ई
२६ अप्रैल २०१०भारत ने अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं पर काम कर रहे भारतीयों पर हमलों को लेकर चिंता जताई है. इस साल फ़रवरी में काबुल में हुए हमलों में मारे गए 17 लोगों में सात भारतीय थे, जिनमें दो सेनाधिकारी भी शामिल थे. पिछले दो सालों में यह अफगानिस्तान में भारतीयों पर तीसरा हमला था.
मुलाकात के बाद मनमोहन सिंह ने कहा, "राष्ट्रपति करज़ई ने इस बात का आश्वासन दिया है कि अफगानिस्तान में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा. मैंने राष्ट्रपति करज़ई को यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे हमले भारत की प्रतिबद्धता कम करने में सफल नहीं हो पाएंगे." अफगानिस्तान में करीब 3,500 भारतीय विभिन्न विकास परियोजनाओं में काम कर रहे हैं. इन में बिजली की लाइनें बनाना, सड़क निर्माण और स्कूल बनाने की परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका कुल मूल्य 130 करोड़ डॉलर है.
लेकिन तालिबान को इस पर आपत्ति है. तालिबान ने वार्ता के प्रस्तावों को खारिज करते हुए मांग कर चुका है कि अफगानिस्तान से सभी विदेशी ताकतों को बाहर निकाला जाए.
भारत भी इससे चिंतित है. नई दिल्ली को लगता है कि अफगानिस्तान में बढ़ रहे तालिबान के असर से भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है और वहां पाकिस्तान का दबदबा मज़बूत हो सकता है. वहीं पाकिस्तान अफगानिस्तान से बढ़ रही भारत की नजदीकियों को संदेह भरी नज़रों से देख रहा है.
बरहहाल कूटनीतिक खींचतान के बीच सोमवार को करज़ई ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से भी दोनों देशों के संबंधों के बारे में चर्चा की. मंगलवार को करज़ई सार्क सम्मलेन के लिए भूटान के लिए रवाना होंगे, जहां वे पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालदीव और बंगलादेश के प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे.
रिपोर्ट - एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह