भारतीयों को अमेरिका से ज्यादा पसंद आया पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते कब सुधरेंगे, यह कोई नहीं जानता. लेकिन अमेरिकी शोध संस्था पियू रिसर्च कहती है कि 2015 में पाकिस्तान भारतीय आप्रवासियों का दूसरा सबसे पसंदीदा देश रहा.
परदेसियों की पसंद
अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन जैसे देशों का नाम भारतीयों के पसंदीदा देशों में शुमार है, लेकिन अब बहुत से भातीय पड़ोसी पाकिस्तान का भी रुख कर रहे हैं.
चलो पाकिस्तान..
अमेरिकी थिंक टैंक पियू रिसर्च के मुताबिक साल 2015 में संयुक्त अरब अमीरात के बाद पाकिस्तान आप्रवासी भारतीयों की दूसरी बड़ी पसंद रहा.
तेजी से बढ़ते आप्रवासी
पिछले 25 वर्षों में विदेशों में बसे भारतीयों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो चुकी है और दुनिया की कुल आप्रवासी आबादी के मुकाबले दोगुनी तेजी से बढ़ रही है.
संख्या का गणित
साल 2010 की एक स्टडी मुताबिक, भारत से दूसरे देशों में जाने वाले लोगों में हिंदुओं के मुकाबले धार्मिक अल्पसंख्यकों की संख्या कहीं अधिक थी. भारत की कुल आबादी में 80 फीसदी हिंदू हैं.
ईसाई और मुसलमान
देश छोड़कर जाने वाले प्रवासियों में 19 फीसदी ईसाई थे, जबकि विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों में 27 फीसदी मुस्लिम हैं. भारत की कुल आबादी में ईसाइयों की हिस्सेदारी तीन प्रतिशत और मुसलमानों की हिस्सेदारी 14 फीसदी है.
यूएई टॉप पर
इस अध्ययन के मुताबिक सबसे ज्यादा यानी 35 लाख भारतीय आप्रवासी संयुक्त अरब अमीरात में है. पाकिस्तान करीब 20 लाख प्रवासी भारतीयों के साथ दूसरे स्थान पर है. अमेरिका में तकरीबन 19.7 लाख भारतीय रहते हैं.
टॉप 10 में और कौन..
इसके बाद सउदी अरब 18.9 लाख और कुवैत करीब 10 लाख भारतीयो के साथ चौथे और पांचवें स्थान पर है. टॉप 10 में ओमान (78 हजार), ब्रिटेन (78 हजार), कतर (65 हजार), कनाडा (62 हजार) जैसे देश भी शामिल हैं.
भारत भी पसंदीदा देश
पियू के मुताबिक 2015 में भारत भी उन देशों में शामिल रहा जो अंतरराष्ट्रीय आप्रवासियों की पसंद रहे. 2015 में भारत में रहने वाले आप्रवासियों की संख्या 52 लाख दर्ज की गई. बांग्लादेश से 32 लाख, पाकिस्तान से 11 लाख, नेपाल से 5.4 लाख और श्रीलंका से 1.6 लाख लोग भारत में बसे.