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भरोसे की कमी भारत-पाक का मुद्दाः अमेरिका

२७ मई २०१०

अमेरिका ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच भरोसे की कमी एक द्विपक्षीय मुद्दा है, लेकिन यह अच्छी बात है कि दोनों देशों के नेता ऐसी दिशा में बढ़ रहे हैं जहां संवाद सघन होगा.

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वैसे अमेरिका ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि वह भारत के साथ भरोसे की कमी को दूर करने में भूमिका निभाने के पाकिस्तान के आग्रह पर विचार कर रहा है. विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्रोवली ने कहा, "भरोसे की कमी भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे अहम द्विपक्षीय मुद्दा है. दोनों ही देश हमारे मित्र हैं. दोनों देशों के साथ हमारे मज़बूत रिश्ते हैं."

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में घटते तनाव पर खुशी ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा, "हम इस बात से संतुष्ट हैं कि दोनों देश उस दिशा में बढ़ रहे हैं जहां संवाद गहरा होगा. इसलिए हम दोनों देशों को इस बात के प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे कि वे सार्वजनिक रूप से जताई गई अपनी वचनबद्धताओं का पालन करते रहें." क्राउली भारत के साथ भरोसे की कमी को दूर करने में अमेरिकी मदद के पाकिस्तानी आग्रह के बारे में पूछे गए सवाल का जबाव दे रहे थे.

उधर पाकिस्तान अखबार डॉन ने एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक के हवाले से लिखा है, "हम चाहते हैं कि अमेरिका भारत को कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति सुधारने, सियाचिन और सर क्रीक पर आगे बढ़ने और किशनगंगा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर मध्यस्था के लिए सहमत होने के लिए प्रोत्साहित करता रहे. पाकिस्तानी नेतृत्व ने ओबामा प्रशासन को यह संदेश राजनयिक माध्यमों से भिजवा दिया है."

जुलाई में भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश मंत्री स्तरीय बातचीत होने वाली है, जिसके लिए भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा इस्लामाबाद जाएंगे. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित का कहना है, "हमारे दोनों ही देशों को आपसी भरोसा और आत्मविश्वास पैदा करने की ज़रूरत है. इसलिए ज़रूरी है कि ईमानदारी से अपने मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत करें ताकि क्षेत्र में शांति और समृद्धि आए."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ईशा भाटिया