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ब्रिटिश चुनावों में कांटे की टक्कर

२३ अप्रैल २०१०

ब्रिटेन के संसदीय चुनावों से पहले दूसरी टेलिविज़न बहस के बाद प्रमुख पार्टियों के बीच मुक़ाबला और कड़ा हो गया है. पहली बार टीवी बहस के लिए हामी भरने वाले प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन पिछड़ते जा रहे हैं.

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कैमरून, क्लेग और ब्राउनतस्वीर: AP

गुरुवार को हुई दूसरी बहस में कोई स्पष्ट विजेता नहीं रहा है, लेकिन लिबरल पार्टी के निक क्लेग पहली बहस की तरह इसमें भी मतदाताओं के चहेते रहे और अपनी पार्टी को परंपरागत तीसरे स्थान से आगे बढ़ाने में सफल रहे हैं. लेकिन चुनाव नतीज़े अभी भी पूरी तरह खुले हैं.

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निक क्लेग को टीवी बहस का लाभतस्वीर: AP

अगले महीने होने वाले संसदीय चुनाव से पहले प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन और उनके प्रतिद्वंद्वी कंज़रवेटिव पार्टी के डेविड कैमरून कम ज्ञात लिबरल डेमोक्रैट निक क्लेग की चुनौती का सामना करने के लिए बड़े दबाव में हैं. पहली टेलिविज़न बहस के बाद क्लेग की लोकप्रियता में बारी वृद्धि हुई है.

प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन अपनी लेबर पार्टी की सरकार बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह साफ़ होता जा रहा है कि अब उनके लिए संसद में बहुमत लाना आसान नहीं होगा. टोनी ब्लेयर की सरकार के दौरान ब्रिटेन सरकार की विदेश नीति और आर्थिक संकट ने ब्राउन को उबरने का मौका नहीं दिया है.

12 साल के लेबर शासन को समाप्त कर टोरी पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए लड़ रहे कैमरून भी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. चुनाव के पहले के सप्ताहों में टोरी पार्टी के समर्थन में कमी आई है.

गुरुवार को हुई दूसरी टेलिविज़न बहस के बाद किए गए सर्वेक्षणों में स्पष्ट नतीज़े नहीं आए हैं. दो सर्वेक्षणों में कैमरून को आगे बताया गया है तो अन्य तीन में क्लेग को. पार्टियों को मिल रहे समर्थन के बारे में होने वाले सर्वेक्षणों में पिछले दो साल से आगे रहने वाले कैमरून पिछड़ गए हैं और नए सर्वेक्षण त्रिशंकु संसद का संकेत दे रहे हैं. ब्रिटेन आम तौर पर दो पार्टियों वाली पद्धति रही है जहां लेबर और टोरी का वर्चस्व रहा है.

अगर अब तक के सर्वेक्षण सही साबित होते हैं तो लिबरल डेमोक्रैट निक क्लेग किंगमेकर बन जाएंगे और ब्रिटेन में गठबंधन सरकार बनानी होगी. कारोबारी हलकों में आशंका व्यक्त की जा रही है कि ऐसी स्थिति में रिकार्ड बजट घाटे का सामना कर रहे ब्रिटेन में घाटे को कम करने के प्रयासों का धक्का पहुंचेगा.

शुक्रवार से सारी बहस अर्थव्यवस्था की ओर मुड़ सकती है. पहली तिमाही में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का विकास अपेक्षा से कम रहा है. आज जारी रिपोर्ट के अनुसार सकल राष्ट्रीय उत्पाद में सिर्फ़ 0.2 फ़ीसदी की बढ़त हुई है जबकि विश्लेषकों ने 0.4 फ़ीसदी की भविष्यवाणी की थी.

प्रधानमंत्री ब्राउन ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आ रही है लेकिन कंज़रवेटिव पार्टी की नीतियों से उसे ख़तरा पहुंच सकता है. टोरी पार्टी के वित्तीय प्रवक्ता ने सरकार पर आरोप लगाया है कि इस समय रोज़गार विहीन रिकवरी हो रही है.

ब्रिटेन का चुनाव प्रचार अंतिम दौर में प्रवेश कर रहा है, लेकिन चुनाव के नतीज़ो पर संशय बना हुआ है और राजनीतिक पंडित अलग अलग जोड़ घटाव में लगे हैं.

रिपोर्टःएजेंसियां/महेश झा

संपादनःआभा मोंढे