ब्राजील की बाढ़: मरने वालों की तादाद 480
१४ जनवरी २०११रियो डे जेनेरियो के पास सेराना क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद पहाड़ों से कीचड़ की ऐसी बाढ़ आई कि घरों में सोए सैकड़ों लोग बह गए. इस बाढ़ में सड़कें टूट गईं, भवन तबाह हो गए और कई पूरे के पूरे परिवार दब गए.
ट्रेसपोलीस के मेयर योर्गे मारियो ने बताया, "कुछ इलाकों में तो हालात भूकंप जैसे लग रहे हैं. मरने वालों की तादाद कहीं ज्यादा हो सकती है.अब भी बहुत सारे लोग दबे हुए हैं. और सबसे बड़ी दिक्कत है कि हम उन तक कोई मदद नहीं पहुंचा सकते क्योंकि वहां तक बचाव कर्मी पहुंच ही नहीं पा रहे हैं." ट्रेसपोलीस में ही अब तक 185 लोगों की जानें जा चुकी हैं.
अन्य शहरों में भी बाढ़ की तबाही का मंजर कुछ ऐसा ही है. बाढ़ में हजारों घर तबाह हो चुके हैं. अब तक अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है. लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान उन गरीबों को हुआ है जिनके घर खतरनाक इलाकों में बने हुए थे.
निर्यातक फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं
हालांकि इस बाढ़ में ब्राजील की मुख्य निर्यातक फसलों सोया, गन्ने, संतरे और कॉफी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन इस तबाही के बाद स्थानीय लोगों के लिए चीजों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ सकते हैं. सेराना क्षेत्र ज्यादा बड़ा नहीं है लेकिन यह रियो के लिए फल और सब्जियों का बड़ा उत्पादन केंद्र है.
टेलीविजन पर दिखाए गए बाढ़ के दृश्य दिल दहला देने वाले हैं. दसियों लोग बाढ़ में बहे चले जा रहे हैं और उन्हें बचाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. कहीं कोई आदमी एक रस्सी के सहारे तेज बहाव पानी से लड़ने की कोशिश करता नजर आता है और लोग बेबस उसे खड़े देख रहे हैं. बचावकर्मी जिन गिरे हुए घरों तक पहुंच पा रहे हैं, वहां पर ज्यादातर लाशें ही मिल रही हैं. उन्हें एक बड़ी सफलता मिली जब वे एक छह महीने के बच्चे को घर के मलबे के नीचे से जिंदा निकालने में कामयाब हुए.
अधिकारियों ने बताया कि नोवा फ्रीबुर्गो नाम के ग्रामीण कस्बे में कम से कम 201 लोगों की मौत हुई है. यह कस्बा दशकों पहले स्विट्जरलैंड से आए प्रवासियों ने बसाया था.
एक जनवरी से देश में राष्ट्रपति पद संभालने वालीं डिल्मा रूसेफ के लिए यह त्रासदी पहली बड़ी चुनौती बनकर आई है. उन्होंने कहा कि इस त्रासदी की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ कुदरत पर डाली जा सकती है. बाढ़ ग्रस्त इलाकों के दौरे के बाद रूसेफ ने कहा, "खतरनाक इलाकों में घर बनाना तो हमारे यहां नियम की तरह है. जब कोई नीति है ही नहीं तो थोड़ी सी कमाई वाले गरीब लोग कहां रहेंगे?"
ब्राजील को 2016 का ओलंपिक आयोजन कराना है. वह अगले फुटबॉल वर्ल्ड कप का भी आयोजक है. इस भयानक त्रासदी से उसकी तैयारियों को काफी नुकसान पहुंचा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया