ब्राज़ील नीदरलैंड्स से हारकर बाहर हुआ
३ जुलाई २०१०हालांकि कम से कम शुरु में ब्राज़ील का पलड़ा भारी लग रहा था, और ब्राज़ील के खिलाड़ियों को कई मौक़े मिले थे, लेकिन 18वें मिनट के बाद रोबिन्यो के गोल की बदौलत हाफ़टाईम तक मैच का नतीजा ब्राज़ील के पक्ष में 1:0 ही रहा.
हाफ़टाइम के बाद 53वें मिनट में मेलो के आत्मघाती गोल से मैच का नतीजा 1:1 से बराबर हो चुका था. दोनों टीमें अब लगभग बराबर ताकत से खेल रही थी, और नतीजा कुछ भी हो सकता था.
खेल का पांसा पलट गया 68वें मिनट में, जब रोब्बेन की गेंद को कुइट ने धीरे से स्नाइडर की ओर आगे बढ़ा दिया. स्नाइडर ने कोई गलती नहीं की, और नतीजा हो गया नीदरलैंड्स के पक्ष में 2:1. ब्राज़ील की टीम अब दबाव में थी, और रोब्बेन के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त फ़ाउल करने के बाद जापान के रेफ़री युइची निशिमुरा ब्राज़ील के मेलो को लाल कार्ड दिखाने में तनिक भी न हिचके.
ब्राज़ील को अब कम से कम 27 मिनट दस खिलाड़ियों के साथ खेलने थे, और एक गोल की कमतरी दूर करनी थी. उसके खिलाड़ी जी-जान से खेल तो रहे थे, लेकिन बहुत योजनाबद्ध तरीके से नहीं. नीदरलैंड्स की टीम अपने बचाव पर पूरा ध्यान देते हुए बीच-बीच में हमले भी कर रही थी. तीन मिनट का अतिरिक्त खेल भी हुआ, लेकिन नतीजा आख़िरकार 2:1 से नीदरलैंड्स के हक़ में गया.
ब्राज़ील विश्वकप से बाहर हो गया. आज का दूसरा खेल घाना और उरुग्वे के बीच हो रहा है.घाना फ़ुटबॉल एसोसियेशन की ओर से सूचित किया गया है कि उन्हें अफ़्रीका के सबसे सम्मानित नेता नेलसन मंडेला से समर्थन का संदेश मिला है. अपने संदेश में उन्होंने कहा है कि महाद्वीप और उससे बाहर के सभी लोगों के साथ मिलकर हम आपकी कामयाबी की दुआ करते हैं. घाना के स्ट्राइकर असामोआ ग्यान का कहना है कि वे इतिहास की रचना कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनके सामने ऐसा कुछ कर दिखाने का मौक़ा है, जो पहले कभी नहीं हुआ है. कोई शक नहीं कि सारा अफ़्रीका उनका समर्थन कर रहा है. अगर आज घाना की जीत होती है, तो पहली बार कोई अफ़्रीकी देश विश्वकप के सेमीफ़ाइनल में होगा.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: महेश झा