बैरों का वर्ल्ड कप जापान में
८ नवम्बर २०१२लज्जतदार खाने के अलग अलग स्वाद और खुशबू के साथ किस वाइन का रंग ज्यादा चढ़ेगा. मेहमान को खाना परोसने से पहले उसे उसकी पसंद की जगह पर बिठाने और उसकी पसंद का खाना चुनने में कौन ज्यादा मददगार होगा, यह सब देखा जा रहा है. पेशेवर लोगों की एक ज्यूरी 9 अलग अलग पैमानों पर मुकाबले के प्रतिभागियों को नंबर दे रही है. इन्हीं नंबरों के आधार पर 24 बटलरों में से बेहतरीन बटललर को जॉर्ज बैप्टिस्ट कप का दावेदार चुना जाएगा.
इस मुकाबले में दो विजेता होंगे एक छात्र और दूसरा पेशेवर. इस दौरान उन्हें वेटर और बटलर दोनों आधार पर परखा जाएगा. मुकाबले में हिस्सा लेने स्विटजरलैंड से आए 20 साल के अमृतपाल वारायश कहते हैं कि बटलर बनने के लिए नजर मिलाने के अलावा और भी बहुत कुछ करना होता है. अमृतपाल के मुताबिक, "एक अच्छा बटलर हमेशा अपने मेहमानों के कहने से पहले जान जाता है कि वो क्या चाहते हैं, वह वहां सिर्फ मदद के लिए नहीं बल्कि मेहमानों को सहज बनाने के लिए भी होता है."
टोक्यो के एक रेस्तरां में काम करने वाले 35 साल के शिन मियाजाकी कहते हैं कि उनके काम को जापान में बहुत सराहना नहीं मिलती हालांकि लोग रसोइए और वाइन परोसने वालों के महत्व को समझते हैं. मियाजाकी का कहना है, "एक अच्छा बटलर मेहमानों के लिए रसोइए के बनाए खाने को और ज्यादा अच्छा बना देता है."
जॉर्ज बैप्टिस्ट कप फ्रांस में इसी नाम के बटलर और शेफ के सम्मान में 1961 में शुरू हुआ. बाद में इसे विस्तार देकर पूरे यूरोप से बटलरों को शामिल किया जाने लगा. 2000 में यह कनाडा में आयोजित हुआ और इसका पैमाना बढ़ कर पूरी दुनिया हो गया. इसके बाद इसके अलग अलग संस्करण फ्रांस, मेक्सिको और वियतनाम में हुए. टोक्यो कप के जीते बटलरों के नाम का शुक्रवार को एलान होगा.
एनआर/एएम (एएफपी)