बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया एनडीटीवी
७ नवम्बर २०१६चैनल की वेबसाइट के अनुसार एनडीटीवी ने इस आरोप का खंडन किया है कि उसके चैनल एनडीटीवी इंडिया ने पठानकोट हमले के दौरान संवेदनशील जानकारी प्रसारित की, जिसके लिए उसके खिलाफ ये बैन लगाया गया है.
सरकार ने बुधवार सुबह से चैनल को 24 घंटे के लिए अपना प्रसारण रोकने का आदेश दिया है. एनडीटीवी का कहना है कि जो जानकारी उसने प्रसारित की, वही जानकारी तो अन्य चैनलों और अखबारों ने भी दी थी.
इस बैन को जहां कई लोग मीडिया और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग ये कहते हुए इसे सही ठहरा रहे हैं कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए. कई विपक्षी नेताओं ने इस बैन की तुलना इमरजेंसी से की है
बोलने की आजादी और डिजिटल तकनीक, देखिए
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के मुताबिक ऐसा लगता है कि सरकार "मीडिया के कामकाज के तरीकों में दखलंदाजी कर रही है और कवरेज से सहमत न होने पर मनमाने तरीके से दंडात्मक कदम उठा रही है.”
वहीं बैन का समर्थन करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा है कि ये देश की सुरक्षा के हित में है और इस बारे में जो सरकार की आलोचना हो रहा है वो राजनीति से प्रेरित है.