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बैडमिंटन कोर्ट से आया भारत का 37वां गोल्ड

१४ अक्टूबर २०१०

ज्लावा और अश्विनी की जोड़ी ने भारत 37वां स्वर्ण पदक दिलाया. गेम्स के आखिरी दिन तालिका में दूसरे स्थान के लिए होड़ बनी हुई है. भारत और इंग्लैंड के 37-37 सोने के पदक हैं, लेकिन रजत पदकों ने इंग्लैंड को आगे रखा है.

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तस्वीर: AP

बुधवार को भारत के बैडमिंटन कोर्ट से स्वर्ण पदक आया. महिलाओं के डबल्स मुकाबले में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी माचिमंदा ने सुनहरा प्रदर्शन किया. उन्होंने सिंगापुर को आसानी से हरा दिया.

खेलों के आखिरी दिन भारत को कुछ और पदकों की उम्मीद है. हॉकी, बैडमिंटन समेत कुछ अन्य मुकाबलों का फाइनल आज होना है. पुरुषों के हॉकी फाइनल में उसका ऑस्ट्रेलिया से मुकाबला करना है. अब तक के मैचों में ऑस्ट्रेलिया हमेशा आगे रहा है. सारे देश की नजर इस मैच पर है, और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इसके दर्शक हैं.

अंकतालिका में अब भारत तीसरे स्थान पर आ गया है. हालांकि 37 सोने के साथ भारत ने इन खेलों में अपना एक नया रिकॉर्ड तैयार किया है, लेकिन तालिका में ऑस्ट्रेलिया के पीछे दूसरे स्थान पर आने का उसका सपना अधूरा रह सकता है. आज की प्रतियोगिताओं में दोनों के लिए तीन-तीन सोने के पदक जीतने के मौके हैं. कांटे के इस मुकाबले में कोई भी भविष्यवाणी मुश्किल लगती है, लेकिन इंगलैंड का पलड़ा कुछ भारी लगता है.

इससे पहले बुधवार को भारत को मुक्केबाजी में सफलता मिली. 52 किलो के वर्ग में सुरंजय सिंह, 64 किलो के वर्ग में मनोज कुमार और 91 किलो के वर्ग में परमजीत समोटा को तीन सोने के पदक मिले. इसी प्रकार टेबुल टेनिस में शरत कमल और सुभजीत साहा की जोड़ी ने भी भारत को एक सोने का पदक दिलाया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ओ सिंह

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