1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बैंगलोर में टीम इंडिया जीत की ओर

१३ अक्टूबर २०१०

ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 223 पर ऑल आउट करने के बाद टीम इंडिया ने सधे ढंगे से लक्ष्य का पीछा शुरू किया. आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 207 रन की जरूरत है. टीम ने एक विकेट खोकर 70 से ज्यादा रन बनाए लिए हैं.

https://p.dw.com/p/Pd6S
तस्वीर: AP

जीत की राह आसानी से पार करने के लिए टीम इंडिया को सबसे ज्यादा उम्मीदें विस्फोटक वीरू से थीं. लेकिन बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में उनका बल्ला खामोश ही रहा. हिलफनहाउज की गेंद पर वह विकेटकीपर को कैच थमा बैठे. उनके बल्ले से स्कोरबोर्ड पर सात रन जुड़े.

पहला और अहम विकेट गिरने के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया. युवा बैट्समैन चेतेश्वर पुजारा को ऊपर भेजा गया. पुजारा ने जाते ही वनडे स्टाइल में हाथ खोलने शुरू किए. वह अब भी सलामी बल्लेबाज मुरली विजय के साथ क्रीज पर डटे हुए हैं. दोनों के बीच करीब दस ओवर में ही 56 रन की साझेदारी हो चुकी है.

लंच तक टीम इंडिया का स्कोर एक विकेट के नुकसान पर 73 रन रहा. अब उसे जीत के लिए 134 रन और बनाने हैं. टीम के हाथ में तेंदुलकर, रैना, द्रविड़ और धोनी जैसे विकेट बचे हैं. ऐसे में लगता है कि मोहाली के बाद बैंगलोर में भी भारत को बल्ले बल्ले का मौका मिल सकता है.

इससे पहले पांचवें और अंतिम दिन का शुरुआती सत्र टीम इंडिया के गेंदबाजों के नाम रहा. 10 ओवरों के भीतर ही मेहमान टीम के आखिरी तीन विकेट ढह गए. टीम 223 रन बना सकी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: उभ