बैंकाक में प्रदर्शन से पहले तनाव
२३ अप्रैल २०१०शुक्रवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों से पहले उस रेलवे स्टेशन के आसपास तैनात पुलिसकर्मियों और सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई है, जहां गुरुवार की शाम कई गोले फटे थे. अनुमान है कि पांच गोले फटे थे. उन के फटने से कम से कम तीन लोग मारे गये और 75 अन्य घायल हो गये.
बैंकॉक के बैंकों वाले इलाके सिलोम में अफरातफ़री मच गयी. एंबुलेंस गाड़ियां दौड़ने लगीं. लोग चीखने चल्लाने लगे. लगने लगा, जैसे बैंकॉक में गृहयुद्ध छिड़ गया है. थाइलैंड के राजपरिवार ने मृतकों के अंतिम संस्कार और घायलों की चिकित्सा के लिए पैसा देने की घोषणा की है, हालांकि राजा भूमिबोल अदुल्यदेज ने प्रदर्शनों के पक्ष-विपक्ष में कभी एक शब्द भी नहीं कहा है.
अधिकतर हताहत आसपास रहने वाले सरकार-समर्थक बताये जा रहे हैं. कुछ लोग इस सारे विवाद को शहरी लोगों और ग्रामीणों के बीच लड़ाई के रूप में भी देखते हैं, क्योंकि लाल कमीज़ों वाले प्रदर्शनकारी देहातों से आये हैं, जबकि उनका विरोध करने वाले शहरी लोग हैं.
बैंकॉक का साला दाएन्ग स्टेशन ठीक उस उस चौराहे के पास है, जहां शहर का बैंक और व्यापारिक केंद्र शुरू होता है. सारे इलाके को सैनिकों ने घेर रखा है. वहां पूर्व प्रधानमंत्री थक्सीन के समर्थक लाल कमीज़धारी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों ने एक तरह से अपनी-अपनी मोर्चेबंदी कर रखी है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि गोले फटने के बाद गोलियां चलने की आवाज़ें भी सुनायी पड़ीं. थाइलैंड के उपप्रधानमंत्री सुतेब थागसुबान ने दावा किया है गोले लाल कमीज़धारियों ने ही दागे थे, "गोले प्रत्यक्षतः एक ऐसी जगह से दागे गये, जिस पर लाल कमीज़ वालों ने हफ्तों से क़ब्ज़ा जमा रखा है."
लाल कमीज़ वाले इससे इन्कार करते हैं और सारा दोष सरकार और उसके समर्थकों पर मढ़ते हैं. इस बीच उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से बीचबचाव करने के लिए कहा है. उपप्रधानमंत्री सुतेब यह सब सुनने को तैयार नहीं हैं. वे कहते हैं, "सिलोम में जमा हुए लोगों को चाहिये कि अपनी सुरक्षा के हित में वे जल्द से जल्द वहां से चले जायें."
संयुक्त राष्ट्र ने थाइलैंड की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. संयुक्त राष्ट्र सहित विश्व के प्रमुख देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और विवाद को संवाद के ज़रिए निबटाने की अपील की है. शुक्रवार की शाम सरकार समर्थकों की एक बड़ी रैली होने वाली है. डर है कि, तब सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच नयी झड़पें हो सकती हैं.
रिपोर्ट: डीडब्ल्यू,एजेंसियां/राम यादव
संपादन: महेश झा