बेशकीमती पेंटिंग्स
पिछले दिनों म्यूनिख में एक कला संग्राहक हिल्डरब्रांड गुर्लिट के बेटे के घर से मिली बेशकीमती पेंटिंग्स दुनिया भर में चर्चा में रहीं. एक वेबसाइट के जरिए इनकी तस्वीरें लोगों के सामने आईं हैं.
'सीटिड वुमन', हेनरी माटीसे
म्यूनिख में पिछले दिनों एक घर से अरबों की कलाकृतियां बरामद हुईं. वेबसाइट lostart.de ने इनकी तस्वीरों को प्रकाशित किया है. बैठी हुई युवती की यह पेंटिंग हेनरी माटीसे की है. कला के ये नमूने उन कलाकृतियों में शुमार माने जा रहे हैं जिन्हें नाजीकाल में लूटा गया था.
'गर्ल एट द टेबल', विलहेल्म लाखनिट
विलहेल्म लाखनिट जर्मन पेंटर थे जिन्होंने ज्यादातर ड्रेस्डेन में काम किया. उन्होंने अपने काम में नाजीवाद का कड़ा विरोध किया. 1933 में उनके काम को भ्रष्ट बताया गया और जब्त कर लिया गया. लाखनिट को गिरफ्तार भी कर लिया गया. 1945 में ड्रेस्डेन में छापा मारकर उनके काफी काम को नष्ट भी कर दिया गया.
'द वेल्ड', ऑटो ग्रीबेल
जर्मन पेंटर ऑटो ग्रीबेल के काम में आधुनिकता की झलक थी. पहले विश्व युद्ध के बाद ग्रीबेल जर्मनी की कम्यूनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए. बाद में उन्होंने ड्रेस्डेन में रेड ग्रुप की स्थापना की. नाजियों को ग्रीबेल की कलाकृतियां रास नहीं आईं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उनके काम को साम्यवादी करार दिया गया.
'मदर एंड चाइल्ड', एरिख फ्रास
एरिख फ्रास जर्मनी के कुछ ऐसे कलाकारों में से थे जिनके काम को बार बार नष्ट किया गया. वह ड्रेस्डेन के 'न्यू ड्रेस्डेन सेसैशन आर्टिस्ट' संघ के सदस्य भी थे जिसे 1934 में नाजियों ने खत्म कर दिया.
'मेल पोर्टरेट', लुडविग गोडेनश्वेग
लुडविग गोडेनश्वेग भी जर्मन कलाकार थे. गुर्लिट के घर से उनकी पेंटिंग 'फीमेल न्यूड' भी बरामद हुई है. माना जा रहा है कि उनका काम भी नाजीकाल में हुई लूटपाट में इधर उधर हो गया. अब बरामद हुए उनके काम की उनके वंशज मांग कर रहे हैं.
'म्यूजिंग वुमन', फ्रिट्स मासकोस
मूर्तिकार फ्रिट्स मासकोस के बारे में लोगों को ज्यादा नहीं पता. उनके हाथों बनी कांसे की मूर्ती 'डेय फ्यूरर' विवादास्पद मानी जाती है. 1938 में बर्लिन की प्रदर्शनी 'डीजनरेट आर्ट' में उनका काम 'सोम्नांबुलिस्ट' दिखाया गया. 1943 में ग्रेट ड्रेस्डेन कला प्रदर्शनी में पेस्टेल रंगों से बना उनका काम 'लेट समर स्टिल लाइफ' लोगों के सामने आया.
'आबेंड मेलांकोली', एड्वर्ड मुंच
गुर्लिट के कलेक्शन में नॉर्वे के कलाकार एड्वर्ड मुंच की कई कलाकृतियां शामिल हैं. मुंच का ज्यादातर काम अभिव्यक्ति और आधुनिकता से प्रभावित रहा. 1896 में बनी उनकी सबसे मशहूर पेंटिंग 'द स्क्रीम' 2004 में ओस्लो के मुंच म्यूजियम से चोरी हुई और 2006 में वापस मिल गई.
'ऐलेगोरिकल सीन', मार्क शगाल
कला संग्राहक गुर्लिट के घर से फ्रांस के मशहूर पेंटर मार्क शगाल की यह पेंटिंग भी बरामद हुई. शगाल रूसी मूल के यहूदी थे और एक जानेमाने कवि भी. उन्हें 20वीं सदी के महानतम कलाकारों में गिना जाता है.