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बेजान विकेट पर खूब भांजा गया बल्ला

३० जुलाई २०१०

भारत और श्रीलंका के बीच कोलंबो में खेला गया दूसरा टेस्ट ड्रॉ हो ही गया. अंपायर डेरेल हार्पर ने जब शाम लगभग चार बजे अपनी घड़ी देखी और फिर संगकारा की तरफ नजर उठाई, तो श्रीलंकाई कप्तान ने सोचा, हां, बैटिंग प्रैक्टिस हो गई.

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हो गई बैटिंग वैटिंगतस्वीर: AP

दस्ताने उतार कर संगकारा पैविलियन लौट आए. लेकिन इससे पहले भारतीय गेंदबाजों से 45 ओवर की कसरत जरूर कराई. धोनी ने भी पांच गेंदबाजों को इस बात का मौका दिया कि वे श्रीलंका की विकेटों के अभ्यस्त हो सकें. अभी एक मैच और खेलना है. इस मैच का नतीजा तो न निकलना था, न निकला.

भारत को पहली पारी में किसी तरह 707 रन पर आउट करने के बाद श्रीलंका दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी. उनके ऊपर 65 रन का कर्ज था. परनविताना और दिलशान ने आनन फानन में इस बोझ को उतार दिया और पहले विकेट लिए फटाफट 50 रन जोड़ लिए. भारतीय खेमा बेजान विकेट पर बेदिल से गेंदें फेंकता रहा. रस्म अदायगी चलती रही. बीच बीच में एक दो विकेट भी गिरे लेकिन मैच में रोमांच नाम की चीज नहीं आ पाई, आनी भी नहीं थी. श्रीलंका ने दूसरी पारी में तीन विकेट पर 129 रन बनाने के बाद कहा, बस. कप्तान कुमार संगकारा 42 और समरवीरा 10 रन बना कर नाबाद रहे.

इस मैच के ड्रॉ होने के साथ ही इस बात की उम्मीद खत्म हो गई है कि भारत श्रीलंका में 17 साल बाद सीरीज जीत सकता है. वह पहला मैच गंवा चुका है और सीरीज बराबर करने के लिए उसे तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच जीतना ही होगा. यह मैच तीन अगस्त से कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जाएगा. दूसरा मैच सिंहली स्पोर्ट्स ग्राउंड पर खेला गया.

Sachin Tendulkar
तस्वीर: AP

मैच में भारत के ऊपरी बल्लेबाजों के अलावा निचले क्रम में अभिमन्यु मिथुन और इशांत शर्मा को भी बल्लेबाजी का मौका मिला. दोनों गेंद से तो कुछ नहीं कर पाए लेकिन बल्ले को खूब भांजा और अच्छे खासे देर तक क्रीज पर जमे रहे. दोनों पारियों को मिला कर भारत के गेंदबाज सिर्फ सात विकेट ले पाए और दोनों पारियों में किसी गेंदबाज को एक से ज्यादा विकेट नहीं मिला. यहां श्रीलंका थोड़ा बेहतर साबित हुआ और उसने भारत की एक पूरी पारी को आउट किया. हालांकि तभी, जब भारत ने इसका मौका दिया. क्रिकेट टेस्ट मैच का नतीजा कम से कम 30 विकेट गिरने के बाद तय हो सकता है. इस मैच में इसके लगभग आधे गिरे. सिर्फ 17. मैच में सचिन तेंदुलकर और कुमार संगाकार ने दोहरे शतक लगाए, जबकि परनविताना, जयवर्धने और सुरेश रैना ने शतक जड़े. वीरेंद्र सहवाग एक रन से शतक से चूक गए.

इस ड्रॉ के साथ भारतीय खेमे को इस बात का संतोष तो जरूर होगा कि वह बड़े स्कोर के आगे दबाव में नहीं आए और मैच हारे नहीं. लेकिन उनकी चिंताएं इसलिए बढ़ सकती हैं कि अगले मैच में हार के साथ वह सीरीज भी गंवा देंगे और पहले नंबर की गद्दी भी. महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम इंडिया इस समय दुनिया की पहली नंबर की टेस्ट टीम है लेकिन सीरीज गंवाने के साथ रैंकिंग भी बदल सकती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः उभ