बीबीसी के निदेशक ने दिया इस्तीफा
११ नवम्बर २०१२दो नवंबर को बीबीसी के कार्यक्रम न्यूजनाइट में एक नेता पर बाल यौन शोषण के गलत आरोप लगाए गए. एंटविसल ने एक बयान में कहा कि इस रिपोर्ट का प्रसारण नहीं होना चाहिए था और उन्हें नहीं पता था कि कार्यक्रम में यह रिपोर्ट भी प्रसारित होगी. इसके बाद इस्तीफा देना ही उन्हें सही फैसला लगा. एंटविसल ने कहा, "पिछले हफ्तों में हुई घटनाओं के बाद मुझे लगता है कि बीबीसी को एक नया प्रमुख नियुक्त करना चाहिए."
बीबीसी पर इससे पहले आरोप लगे थे कि उसके मेजबान जिमी सैविल 1970-1980 के दौरान बच्चों और महिलाओं का यौन शोषण करते थे. इसके बारे में बीबीसी के कई कर्मचारियों को पता था लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया. सैविल पर 300 बच्चों और युवतियों के यौन शोषण के आरोप हैं. यह मामला पिछले साल सैविल की मौत के बाद सार्वजनिक हुआ.
एंटविसल के निदेशक बनने के बाद से ही उन्हें संसद में अपने संगठन से संबंधित पूछताछ का सामना करना पड़ा, खास तौर से इसलिए क्योंकि बीबीसी के अधिकारियों ने सैविल के आरोपों पर आधारित एक रिपोर्ट को प्रसारित होने से रोका. उस वक्त एंटविसल बीबीसी के प्रमुख थे. अब बीबीसी ट्रस्ट के चेयरमैन क्रिस पैटन का कहना है कि संगठन में बहुत सारे सुधार लाने होंगे ताकि इन घटनाओं का निजी ब्रॉडकास्टिंग कंपनियां फायदा न उठाएं.
पैटन का कहना है कि बीबीसी का ढांचा बहुत ही जटिल है. जाने माने बीबीसी पत्रकार जेरेमी पैक्समैन का कहना है कि हाल के दिनों में संगठन का मैनेजमेंट बहुत ही बड़ा हो गया है जबकि कार्यक्रमों के बजट में कमी लाई जा रही है. एंटविसल का बचाव करते हुए पैक्समैन ने कहा कि "गद्दारों "और काम न करने वाले लोगों की वजह से एंटविसल को अपना पद छोड़ना पड़ रहा है. पैटन ने भी कहा है कि बीबीसी में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुकाबले ज्यादा वरिष्ठ अधिकारी हैं.
बीबीसी ब्रिटेन की सरकारी न्यूज कंपनी है और लोग उसे प्यार से "आंटी" कहते हैं. सरकारी न्यूज एजेंसियों के लाइसेंस सार्वजनिक कोष से दिए जाते हैं. बीबीसी पर निजी ब्रॉडकास्टिंग कंपनियां आरोप लगाती हैं कि सार्वजनिक लाइसेंस फी से उसे गलत फायदा होता है और बाजार में प्रतिस्पर्धा एकतरफा हो जाती है. मेजबान जिमी सैविल पर यौन शोषण के आरोप लगने के बाद संगठन की अखंडता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर इसलिए क्योंकि बीबीसी पत्रकारिता के लिए जाना जाता है और पत्रकारों से उम्मीद नहीं की जाती कि वे यौन शोषण जैसे मुद्दे को चुपचाप देखते और झेलते रहें.
एमजी/ओएसजे(रॉयटर्स, डीपीए)