"बीजेपी की वजह से संजय गांधी पर निशाना"
१ जनवरी २०११कांग्रेस ने पार्टी के 125 साल पूरे होने पर एक किताब जारी की है, जिसमें अपनी ही गलतियों को उजागर किया गया है. इसमें संजय गांधी को इमरजेंसी का जिम्मेदार बताया गया है और उनकी कुछ हरकतों को बेलगाम मनमर्जी का नतीजा बताया है. इस पर राजनाथ सिंह का कहना है, "इंदिरा गांधी और उनकी सरकार ही इमरजेंसी के लिए जिम्मेदार थी क्योंकि उनकी संसद सदस्यता उस वक्त खतरे में थी."
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष का कहना है कि कांग्रेस अब अपने नेता संजय गांधी को इन बातों का जिम्मेदार इसलिए बता रही है क्योंकि संजय की पत्नी मेनका गांधी और बेटे वरुण गांधी बीजेपी पार्टी में शामिल हो गए हैं.
मेनका और वरुण दोनों बीजेपी के लोकसभा सदस्य हैं. वरुण को तो पार्टी ने महासचिव भी बना दिया है और उन्हें असम चुनावों का बीजेपी प्रभारी नियुक्त किया गया है. राजनाथ का कहना है, "उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई क्योंकि वह लोकसभा में अपनी सदस्यता बचाना चाहती थीं."
भारत के वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में एक प्रणब मुखर्जी के संपादन में कांग्रेस ने हाल ही में एक किताब जारी की है. इसमें अन्य बातों के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और उसके कदमों की आलोचना भी की गई है.
किताब में लिखा गया है कि किस तरह इंदिरा गांधी ने जनभावना के विपरीत भारत में इमरजेंसी लगा दी थी. हालांकि इसके बाद इंदिरा गांधी को तभी चुनावों में भारी कीमत चुकानी पड़ी, जब कांग्रेस पहली बार केंद्र में सरकार नहीं बना पाई और यहां तक कि इंदिरा गांधी को भी अपनी सीट गंवानी पड़ी.
इंदिरा के अलावा किताब में राजीव गांधी और संजय गांधी के कुछ कदमों की भी आलोचना की गई है. किताब में लिखा गया है कि किस तरह राजीव गांधी में धैर्य की कमी थी और किस तरह वह कांग्रेस और सरकार में हर वक्त कुछ बदल देना चाहते थे. किताब में यह भी लिखा गया है कि राजीव गांधी ने पार्टी में बदलाव का वायदा किया, जो उन्होंने कभी पूरा नहीं किया.
इस किताब में संजय गांधी पर सबसे ज्यादा निशाना साधा गया और कहा गया कि वह अपने कुछ मिशन को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक चले जाते थे. लिखा गया है कि किस तरह संजय गांधी की शह पर परिवार नियोजन के लिए जबरन नसबंदी की गई और झुग्गियों की सफाई के लिए किस तरह गलत तरीकों का प्रयोग किया गया. संजय गांधी का एक विमान हादसे में 1980 में निधन हो गया. उसके बाद ही राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा