बीकानेर में कैमल फेस्टिवल
हर जनवरी राजस्थान में बीकानेर का लडेरा गांव सुंदर सजे धजे ऊंटों का गढ़ बन जाता है. यहां अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव होता है. महोत्सव में रेगिस्तान गाड़ी को उनके सबसे खूबसूरत रूप में देखने देश विदेश के पर्यटक आते हैं.
बीकानेर का ऊंट मेला कला और संस्कृति का मेला है. ऊंट महोत्सव के दौरान इस रेगिस्तानी इलाके के नृत्य और संगीत का भी नजारा दिखता है. ऊंट की सवारी पर डर, रोमांच और मजे का अनुभव करती एक पर्यटक.
सुंदर रंग बिरंगी पोशाक, गहने और चूड़ियां पर्यटकों को खूब लुभाते हैं. अपनी चूड़ियोंजरी लगी साड़ी दिखाती एक स्थानीय महिला..
बीकानेर का ऊंट महोत्सव देखने दुनिया भर से लोग आते हैं. इन विदेशी पर्यटकों ने राजस्थानी पगड़ी बांधकर फोटो खिंचवाई.
ऊंट महोत्सव के मौके पर बीकानेर आए मेहमानों के मनोरंजन के लिए रस्सा खींचने जैसी प्रतियोगिता भी होती है.
राजस्थान में सिर पर मटका रखकर नाचने की परंपरा है. बीकानेर के महोत्सव में मटका लेकर दौड़ने की प्रतियोगिता भी होती है.
बीकानेर के महोत्सव में राजस्थानी महिला के साथ सेल्फी खिंचवाती एक विदेशी महिला पर्यटक.
राजस्थान के कई इलाकों से सजे धजे ऊंटों को लेकर उनके मालिक बीकानेर के महोत्सव में पहुंचते हैं.
ऊंटों के मालिक अपने सजे धजे ऊंटों के करतबों का पर्यटकों के सामने प्रदर्शन करते हैं.
यहां सजे धजे ऊंटों को तो देखा ही जा सकता है, उनका नाच भी पर्यटकों को आकर्षित करता है.
बीकानेर के ऊंट महोत्सव में नाच दिखाता एक ऊंट.