बिल्कुल कांच जैसी लकड़ी
२० मई २०१६मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने आखिरकार लकड़ी को पारदर्शी बनाने का तरीका खोज निकाला. टीम ने सफलतापूर्वक लकड़ी को रंगीन बनाने वाले रसायन निकाल लिये. मैटीरियल साइंटिस्ट लियांगबिंग हू खुद भी इससे हैरान हैं, "ट्रांसप्लांट कैसा होगा ये हमारे लिए भी आश्चर्यजनक था. अब इसका इस्तेमाल उन जगहों पर भी किया जा सकेगा, जहां अब तक कांच इस्तेमाल होता रहा है."
पर्यावरण के लिहाज से भी यह बेहतर है. पारदर्शी होने के बावजूद लकड़ी, लकड़ी ही रहेगी. यह जैविक रूप से भी आसानी से विघटित होगी. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि भविष्य में दरवाजे, खिड़की, मेज और अन्य क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल होगा.
रिसर्च के नतीजे हू ने साइंस पत्रिका एडवांस्ड मैटीरियल्स में प्रकाशित किये हैं. लकड़ी को पारदर्शी बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने सबसे पहले उसे पानी में उबाला. पानी में सोडियम हाइड्रोऑक्साइड और अन्य रसायन भी डाले गए. दो घंटे तक उबलने के बाद लकड़ी में मौजूद लिगनिन छूटने लगा. लिगनिन एक मॉलीक्यूल है जो लकड़ी को भूरा और बादामी रंग देता है. लिगनिन निकलने के बाद इपोक्सी की परत चढ़ाई गयी. इसने पारदर्शी लकड़ी को चार से छह गुना ज्यादा मजबूती दे दी.
लेकिन फिलहाल वे लकड़ी के पांच गुणा पांच इंच के टुकड़े को ही पारदर्शी बना पा रहे हैं यानी करीब स्मार्टफोन के स्क्रीन के बराबर. हो सकता है कि भविष्य में स्मार्टफोन, कंप्यूटर या टीवी की स्क्रीन कांच के बजाए लकड़ी की हो. ऐसा हुआ तो ये नाजुक मशीनें थोड़ी ज्यादा मजबूत और इको फ्रेंडली बनेंगी. रिसर्चर फिलहाल आकार में और बड़ी लकड़ी को पारदर्शी बनाने का तरीका खोज रहे हैं.
ओंकार सिंह जनौटी