बार्सिलोना का दिल सन्नाटे में डूबा है
१८ अगस्त २०१७कहते हैं कि अगर कोई बार्सिलोना जाए और लास रामब्लास देखने न जाये तो दरअसल उसने कातलोनिया की इस राजधानी को देखा ही नहीं. चौड़े से मुख्य मार्ग पर खंभों की कतार के बीच कैफे और सांस्कृतिक केंद्रों की भरमार है और यहां आकर आपको कातलोनियाई संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है.
फ्रॉमर्स गाइडबुक के संपादकीय निदेशक पाओलिन फ्रॉमर कहते हैं, "लास रामब्लास बार्सिलोना का शाँसेलिसी या टाइम्स स्क्वेयर है. यह वो जगह है जहां सैलानी देखने और दिखाने के साथ ही मन बहलाने के लिए जाते हैं. यहां उत्तेजना की एक लहर है और उसके ठीक बीचोबीच होने का अहसास होता है."
लास रामब्लास को ला रामब्ला भी कहा जाता है. ये नाम इसे एक बरसाती नदी से मिला है जो बहुत पहले कभी यहां बहा करती थी. मुख्य सड़क पांच हिस्सों में बंटा है. 1.2 किलोमीटर की लंबाई वाला ये रास्ता शहर के मुख्य चौराहे प्लासा डे कातालुन्या से लेकर बार्सिलोना की आधुनिक हार्बर कॉलोनी तक जाता है. सड़क पर 18वीं सदी की इमारतों में घर बना चुके शानदार होटल हैं. यहीं पर ऑपेरा हाउस ग्राँ टिएट्रे डेल लिसेयु भी है जो शहर की एक और पहचान है. इसके साथ ही कई कॉन्वेंट्स और मोनेस्ट्री भी हैं. लास रामब्लास 18वीं सदी में बार्सिलोना की मध्यकालीन दीवारों की परिधि के साथ साथ बसा है.
बार्सिलोना के इस पुराने शहर में शुक्रवार सुबह दर्जनों हतप्रभ सैलानी शॉर्ट्स और टीशर्ट पहने सुरक्षा के लिए लगाई गई टेपों के घेरे के पार खड़े थे. यहां मौजूद क्रिस्टोफर कोलंबस की मूर्ति के पास एक परेशान बुजुर्ग स्कॉटिश दंपति हमले की घड़ी को याद करते हैं, "हम होटल की बालकनी में बैठे थे, हमने सबकुछ देखा...कार...हर तरफ अफरातफरी." इन लोगों ने अपना नाम नहीं बताया ये लोग अपने होटल वापस नहीं जा पा रहे हैं. महिला ने कहा, "दो मिनट में पुलिस आ गई वो बहुत अच्छे थे. हमें उनसे बात करनी है."
गुरुवार दोपहर जब चमचमाती धूप में शहर दमक रहा था तभी स्पेन में हुए इस्लामिक स्टेट के इस पहले हमले ने उसे लहूलुहान कर दिया. इस्लामिक स्टेट का निशाना उन लोगों की भीड़ थी जो यहां धूप सेंकते हुए, फूलों और प्रतीक चिन्हों की खरीदारी कर रहे थे.
करीब 16 लाख की आबादी वाले शहर में हर साल 9 लाख से ज्यादा सैलानी आते हैं. हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब एफसी बार्सिलोना रियाल मैड्रिड से मिली हार को पचाने में जुटी है, कातलोनिया की सरकार आजादी के लिए रायशुमारी की खातिर संघर्ष कर रही है और सुरक्षा अधिकारी एयरपोर्ट पर हड़ताल में जुटे हैं. हमले के बाद हड़ताल रद्द कर दी गई, टैक्सी ड्राइवरों ने मुफ्त सेवा मुहैया कराई और सैकड़ों वोलंटियर पीड़ितों को खून देने के लिए अस्पतालों में जमा हो गये. लास रामब्लास के आसपास मौजूद होटलों ने सैलानियों का खुले दिल से स्वागत किया और उन्हें रहने की जगह और कंबल भी दिए.
आमतौर पर गुलजार रहने वाला शहर गुरुवार शाम से ही सन्नाटे में ड़ूबा है. मार्से से आए 23 साल के छात्र रेमी ग्रादें ने समाचार एजेंसी एपी से कहा, "यहां एक बिल्कुल अपरिचित सन्नाटा है. हम रामब्लास के अपार्टमेंट में वापस जाने की कोशिश कर रहे हैं जो हमने किराये पर लिया है. हमला ठीक उसके नीचे हुआ लेकिन हम करीब एक घंटे पहले पार्क ग्वेल के लिए निकल गए थे." रेमी के साथ उनके तीन और फ्रेंच दोस्त हैं.
कुछ लोग शहर के जल्दी ही वापस अपने रंग में आ जाने की उम्मीद जता रहे है. बीती रात फोन पर एक मैसेज घूमता रहा जिसमें लोगों से इस हमले की तस्वीरें शेयर नहीं करने की अपील की गई थी. मकसद है कि हमले के जरिये डर फैलाने वालों के मंसूबे पूरे ना हों.
एनआर/एमजे (एपी)