बारिश फिर बहा ले गई जिंदगी
महाराष्ट्र के एक गांव में तेज बारिश के चलते हुए भूस्खलन में कई लोग मारे गए हैं. मलबे में दबे सैकड़ों लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं. लेकिन खराब मौसम में यह काम आसान नहीं.
लगातार बारिश
दो तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से इस इलाके में कई जगह जमीन धंस गई थी. चट्टानों के टूट कर गिरने से लोग उनके नीचे फंस गए.
चुपके से आया खतरा
करीब 70 घरों वाले पुणे के मलिण गांव में जब अचानक चट्टानें गिरने लगीं, तो लोग सो रहे थे. देखते ही देखते इस इलाके में 10 से 15 फीट ऊंचे मलबा का ढेर लगा गया.
कैसे हो बचाव
राष्ट्रीय आपदा केंद्र एनडीआरएफ यहां राहत और बचाव में लगी है. इस भूस्खलन में अभी भी 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है.
कुछ खुशकिस्मत
बारिश और तेज हवाओं के चलते राहत दलों को बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं. फिर भी 10 लोगों को मलबे से जिंदा निकालने में सफलता मिली.
आदिवासी समुदाय
गांव में रहने वाले ज्यादातर लोग आदिवासी समुदाय से हैं. दुर्घटनास्थल से बचाए गए लोगों में एक 25 वर्ष की मां और उसका तीन महीने का बच्चा शामिल है.
मानसून का कहर
इन पहाड़ी इलाकों में जून से सितंबर के महीनों में मॉनसून का समय होता है. इन दिनों में बाढ़, घरों का ढहना और भूस्खलन जैसी दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं.