बांग्लादेश: भारत के दो अरब के मुकाबले चीन के 20 अरब डॉलर
१४ अक्टूबर २०१६चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ढाका में 21 तोपों की सलामी के साथ स्वागत किया गया. उन्होंने कहा है कि वो बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, परिवहन और कृषि के क्षेत्र में बांग्लादेश के साथ काम करना चाहते हैं. गरीब बांग्लादेश को इन क्षेत्रों में अरबों डॉलर के निवेश की जरूरत है ताकि अपनी 16 करोड़ की आबादी के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा सके.
बांग्लादेशी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें चीनी राष्ट्रपति के दौरे में 20 अरब डॉलर से ज्यादा के ऋण और निवेश समझौते होने की उम्मीद है. पिछले साल भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बांग्लादेश दौरे पर उसे दो अरब डॉलर के क्रेडिट लाइन की घोषणा की थी.
जानकार मानते हैं कि चीनी राष्ट्रपति के दो दिन के बांग्लादेश दौरे का मकसद भारत के इस पड़ोसी से नजदीकियां बढ़ाना है. चीनी राष्ट्रपति बंदरगाह शहर चटगांव में एक औद्योगिक पार्क का उद्घाटन भी करेंगे जहां बांग्लादेश को चीनी निवेश की उम्मीद है. चीन के बाद बांग्लादेश दुनिया में कपड़ा बनाने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है. बांग्लादेश को इससे सालाना 28 अरब डॉलर मिलते हैं और ये देश के निर्यात का 80 फीसदी है.
भारत बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार का अहम समर्थक रहा है. जनवरी 2014 में जब विपक्ष ने हसीना पर चुनावों में धांधली के आरोप लगाए तो भारत ने खुद को हसीना की आलोचना से दूर रखा था. अमेरिका की इलिनॉय यूनिवर्सिटी में राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर अली रियाज कहते हैं, "बांग्लादेश भारत के प्रभाव में है. ऐसे में भारत चीन के साथ बांग्लादेश की बढ़ती दोस्ती पर नजर रखे हुए है. लेकिन बांग्लादेश चीन के साथ अपने संबंधों को बहुत सावधानी से आगे बढ़ा रहा है ताकि भारत नाराज न हो."
प्रधानमंत्री शेख हसीना कह चुकी हैं कि वो हर किसी के साथ अच्छे संबंध चाहती हैं. भारतीय अखबार "द हिंदू" के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हमारे लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और इसका सीधा फायदा हमारे क्षेत्र में किसको होगा? भारत को. भारत को बांग्लादेश के बाजार से सीधा फायदा मिलेगा."
दुनिया में दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन और भारत के बीच एशिया में अपना दबदबा कायम करने की होड़ रही है. बांग्लादेश के बाद शी भारत का दौरा करेंगे जहां गोवा में वो ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
एके/एमजे (एएफपी)