1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बसेरा खत्म होने की गवाही देते आखिरी गवाह

२४ फ़रवरी २०१७

दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया में नीली चोंच वाला ब्लू बिल क्युरासाव पक्षी पाया जाता है. लेकिन आज यह पक्षी विलुप्त होने की कगार पर जा पहुंचा है. उस पर मंडराता खतरा कोलंबिया के कटते जंगलों की कहानी भी बताता है.

https://p.dw.com/p/2YBlx
Globalideas Teaser – ohne Logo – Hokkohuhn
तस्वीर: DW/M. Altenhenne

कोलंबिया के घने जंगल में पर्यावरण संरक्षक नीली चोंच वाले क्युरासाव को खोजकर उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. क्रेसिड प्रजाति के ये पक्षी अब सिर्फ 300 से 500 रह गये हैं. वे सिर्फ इसी इलाके में पाये जाते हैं. प्रकृति संरक्षक सौभाग्यशाली हैं. उन्हें एक क्रैक्स अलबैर्ती मिल गया है. ये इस दुर्लभ पंछी का वैज्ञानिक नाम है. कोलंबिया के आदिवासियों के लिए क्युरासाव मिथकीय पक्षी है और उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा है. उसे इलाके में हर कहीं सोने के मूर्तियों में देखा जा सकता है.

पर्यावरण संरक्षण संस्था प्रोआवेस के कर्मचारी लुई रुबेलिया कहते हैं, "ब्लू बिल क्युरासाव सिर्फ यहीं पाया जाता है. इसलिए प्रोआवेस ने ये जमीन खरीद ली है और इस इलाके के संरक्षण की जिम्मेदारी ली है. यह प्रजाति मुख्य रूप से लगातार जंगल कटने के कारण खतरे में है और बेरोकटोक शिकार के कारण भी. उनकी आबादी इतनी कम हो गई है कि वे लगभग खत्म हो चुके हैं."

Waldbrände in Kolumbein 2008
चरागाह के चक्कर में साफ होते जंगलतस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Blanch

प्रोआवेस ने एक खास इलाके को तो बचा लिया है लेकिन संरक्षित इलाके के बाहर जंगल का कटना अभी भी जारी है. मागदेलेना मिडियो इलाके में रोजाना आधा हेक्टर जंगल काट दिया जाता है. इसका खामियाजा अभी प्रकृति और देर सबेर लोगों को ही झेलना होगा. वैकल्पिक साधन न होने के कारण स्थानीय लोगों की जीविका लकड़ी के कारोबार और मवेशी पालन से ही चलती है. जहां पहले घना जंगल और प्रजाति विविधता हुआ करती थी, वहां आज बड़े बड़े चरागाह हैं. मिट्टी की गुणवत्ता कम हो रही है. इसलिए किसान खेती के लिए जंगलों को काटते जा रहे हैं.

पुयेर्तो पिजोन मोहल्ला संरक्षित क्षेत्र के पास है. यहां के लोग भी मुख्यतः दूध और पशुपालन पर निर्भर हैं. गांव में महिलाएं आमदनी के वैकल्पिक साधनों की तलाश में है. ताड़ के बीज से बनाए गये गहनों को बेचकर कमाई करना उनका नया बिजनेस आयडिया है. महिला कार्यकर्ता अलेखांद्रा कास्टेयोन इसकी एक और वजह बताती हैं, "ये प्रोजेक्ट हमारे लिए अहम है. ये हमें थोड़ी अतिरिक्त कमाई की संभावना देता है. अब तक सबकुछ यहां मवेशी पालन पर ही निर्भर है, लेकिन उसके जरिये हम जंगल और बहुत सी प्रजातियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हम दूसरा रास्ता अख्तियार करना चाहते हैं और जंगल को होने वाला नुकसान रोकना चाहते हैं."

संरक्षित इलाके में महिलाएं ताड़ की खेती भी कर रही हैं ताकि उनके बीजों से वे आभूषण बनाया जा सके. यहां प्रकृति संरक्षक और स्थानीय निवासी मिलजुलकर काम कर रहे हैं. प्रोआवेस महिलाओं की तार की खेती में मदद कर रहा है और उनके द्वारा बनाये गये गहनों को देश भर में पर्यटकों के बीच बेचता भी है. पर्यटन यहां के लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण है. नये लॉज बनाये जा रहे हैं जो कोलंबिया के दूर दराज के इलाकों से भी पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों को आकर्षित करेंगे. बर्ड वॉचरों में ये संरक्षित इलाका बहुत लोकप्रिय है. यहां 350 प्रकार के पक्षियों का बसेरा है.

अलोंसो कुयेवेडो प्रोआवेस के डायरेक्टर हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए पैसा जुटाने की उनके पास एक रणनीति है, "संरक्षित क्षेत्र को बनाए रखने और उसके लिए धन जुटाने की हमारी रणनीति इको टूरिज्म और खासकर बर्ड वॉचिंग पर आधारित है. इसकी मदद से हम संरक्षित क्षेत्रों में स्थायी काम करवाने और उसे भावी पीढ़ियों के लिए बनाये रखने की कोशिश कर रहे हैं." यहां वन्य अधिकारी सिर्फ पक्षियों का ही ख्याल नहीं रखते, पशुओं को भी जीने लायक माहौल उपलब्ध कराते हैं. यहां की जीव विविधता में 80 प्रकार के रेंगने वाले जीव और उभयचर शामिल हैं. एक तरह से यह जीव जंतुओं के लिए सुरक्षित संसार है, लेकिन कोलंबिया में यह हरा भरा संसार लगातार सिमटता जा रहा है.

(भविष्य में नहीं दिखेंगे ये जानवर)

महेश झा