बलशाली ब्राजील और नीदरलैंड्स के हौसले की टक्कर
२ जुलाई २०१०नीदरलैंड्स ने इस वर्ल्ड कप में अब तक अपने चारों मैच जीते हैं लेकिन उनके लिए सबसे मुश्किल मैच यही साबित हो सकता है. जरा सी भूल उसे इस वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता दिखा सकती है. डच कोच बर्ट फान मरवाइक ने यूरो कप 2008 के बाद टीम की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली और अब वह नीदरलैंड्स को विश्व विजेता बनते देखना चाहते हैं. हालांकि विपक्षी टीम की ताकत का अहसास उन्हें भी है.
"ब्राजील भले ही इस वर्ल्ड कप की दावेदार टीमों में से हो लेकिन हम साबित कर चुके हैं कि हम उन्हें हरा सकते हैं. मुझे इस बात का पूरा विश्वास है. ब्राजील की टीम को भी पता है कि वह एक बेहद अहम मैच में खेल रही है. मेरी टीम पूरी तरह से तैयार है और आप देख सकते हैं कि खिलाड़ियों में कितना उत्साह है." मरवाइक के मुताबिक डच टीम ब्राजील से डरी हुई नहीं है और सफलता की कुंजी यही है कि खिलाड़ी अपना स्वाभाविक खेल दिखाएं.
आइवरी कोस्ट का उदाहरण देते हुए मरवाइक ने कहा कि उसे रक्षात्मक खेलने का खामियाजा हार से भुगतना पड़ा और यह गलती डच टीम नहीं दोहराएगी. नीदरलैंड्स के कप्तान ब्रोंकहोर्स्ट का मानना है कि चार जीतों के बावजूद उनके खेल में और सुधार की गुंजाइश है. अपना मनोबल ऊंचा रखने के लिए ब्रोंकहोर्स्ट 1994 और 1998 के वर्ल्ड कप को याद नहीं करना चाहते, जब ब्राजील ने डच टीम को शिकस्त दी.
वहीं ब्राजील के कोच डूंगा उम्मीद जता रहे हैं कि शुक्रवार को होने वाला मैच बेहद खूबसूरत होगा. डूंगा के मुताबिक सभी खिलाड़ी फर्स्ट क्लास खेल दिखा रहे हैं और मैच देखने में मजा आएगा. ब्राजील के स्टार खिलाड़ी काका को पिछले मैच में एक बार पीला कार्ड दिखाया जा चुका है.
अगर इस मैच में भी उन्हें पीला कार्ड दिखाया जाता है और ब्राजील यह मैच जीत जाता है तो सेमीफाइनल में उन्हें बाहर बैठना पड़ सकता है. डूंगा ने अपने बयान से जता दिया है कि वह काका से खुश नहीं हैं.
"काका एक समझदार खिलाड़ी हैं और वह जानते हैं कि ब्राजील के लिए उनका टीम में होना कितना अहम है. लेकिन अगर वह फिर भी फाउल करते हैं और उन्हें पीला कार्ड मिलता है तो मुझे नहीं पता कि मैं क्या कह सकता हूं." वैसे डूंगा ने ब्राजील के प्रशंसकों को एक बुरी खबर दी है. डूंगा ने बताया है कि अब तक दो गोल करने वाले इलानो नीदरलैंड्स के खिलाफ मैच में नहीं खेलेंगे.
ब्राजील और नीदरलैंड्स के बीच 1994 और 1998 में हुई भिंडत में डूंगा ब्राजील की टीम का हिस्सा रहे और दोनों बार ब्राजील ने डच टीम को पटखनी दी. 1994 में क्वॉर्टर फाइनल में और 1998 में सेमीफाइनल में. डूंगा खिलाड़ी से कोच बन गए हैं लेकिन चाहत उनकी अब भी वही है. डच टीम को एक और शिकस्त और वर्ल्ड कप की ओर एक और कदम.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार