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बर्लिन में जब भारतीय व्यंजनों को चखने टूटी भीड़...

अपूर्वा अग्रवाल
१३ जून २०१८

जर्मनी की राजधानी बर्लिन को स्टार्टअप की राजधानी भी कहा जाता है. लेकिन 10 जून की शाम शहर के एक कोने में मटर पनीर, इडली डोसा, लस्सी, छाछ, गोलगप्पे आदि तमाम तरह के खाने परोसे जा रहे थे.

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Food Festival der indischen Botschaft Berlin
तस्वीर: DW/A. Agrawal

बर्लिन में एमबीए की पढ़ाई करने वाले निकिलेश पिछले कुछ सालों से जर्मनी में रह रहे हैं. निकिलेश एक यूट्यूबर हैं जिनके यूट्यूब पर 30 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. घर से दूर यूं तो उन्हें जर्मनी में रहना बहुत रास आता है. लेकिन फिर भी कुछ खुशबुएं हैं जो गाहे-बगाहे उन्हें अपने घर मुंबई की याद दिला देती हैं. निकिलेश कहते हैं, "सब कुछ जर्मनी में मिल जाता है लेकिन जो नहीं मिलता वह है भारतीय खाना." लेकिन जब उन्हें पता चला कि बर्लिन में स्थित भारतीय दूतावास में दूसरा इंडियन फूड फेस्टिवल हो रहा है तो वह खुद को रोक नहीं पाए और कैमरा लेकर चले आए.

Food Festival der indischen Botschaft Berlin
भारतीय व्यंजन चखने पहुंचे युवातस्वीर: DW/A. Agrawal

कुछ इसी तरह की बातें हमसे रॉबिन और उनके दोस्तों ने भी कही जो बर्लिन की स्टार्टअप इंडस्ट्री में काम करते हैं. भारतीय खाने को वह कहते हैं कि बाहर बहुत अच्छा नहीं मिलता, ऐसे में जिस पैसे में खाना, फूड फेस्टिवल में परोसा जा रहा है, वह काफी अच्छा है.

इस तरह के फूट फेस्टिवल का आयोजन न सिर्फ खाने के शौकीनों को खूब भाया बल्कि यहां कई सारी महिलाओं और पुरुषों को अपनी पाक कला को लोगों के सामने परोसने का मौका मिला. भारतीय दूतावास की ओर से 2017 में जब पहला ऐसा आयोजन किया गया था, तब करीब दो हजार लोग यहां भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठाने पहुंचे थे. पहले कार्यक्रम की सफलता के बाद भारतीय दूतावास ने ऐसा दूसरा आयोजन जून 2018 में आयोजित किया.

Food Festival der indischen Botschaft Berlin
तस्वीर: DW/A. Agrawal

इस आयोजन में 12 दुकानें लगाई गईं. जिन्हें बर्लिन के अलग-अलग एसोसिएशन ने लगाया था. इसमें गुजरात, तमिलनाडु, केरल, नगालैंड, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल के व्यंजन शामिल थे. एक दुकान उन महिलाओं की भी थी, जो यहां गृहिणियां हैं, लेकिन खुद के लिए काम करने में भरोसा करती हैं.

Food Festival der indischen Botschaft Berlin
तस्वीर: DW/A. Agrawal

जर्मनी में भारत की राजदूत मुक्ता दत्त तोमर ने इस आयोजन पर कहा कि यह फूड फेस्टिवल बर्लिनवासियों को भारतीय स्वाद चखने का मौका देता है. यह पूछने पर कि बर्लिन समेत जर्मनी के तमाम हिस्सों में भारतीय रेस्तरां चल रहे हैं तो ऐसे आयोजनों का क्या मकसद है. इस पर जवाब में भारतीय राजदूत कहती हैं, "यह आयोजन एक छत के नीचे भारत की विविधताओं को दिखाता है. यहां मौजूद तमाम तरह का खाना न सिर्फ भारतीयों को बल्कि बर्लिन को भी भारत से जोड़ता है. क्योंकि यह संस्कृति का प्रदर्शन भी है."भूख का अहसास रोकेगा ये खाना

यह शाम सिर्फ खाने-खजाने तक ही सीमित नहीं थी बल्कि कलाकारों ने भरतनाट्यम से लेकर कई तरह के नाच-गानों भरी रंगारंग प्रस्तुति भी दी. साथ ही यहां एक फोटो प्रदर्शनी भी थी. फिर क्या, यह शाम वाकई रंगीन हो गई. दूतावास से मिली जानकारी मुताबिक इस कार्यक्रम में बच्चे, जवान, महिला, पुरुष बुजुर्गों समेत करीब 3000 लोग पहुंचे थे.