बर्लिन आ रहा है टी-रेक्स डायनासोर!
पहली बार इतनी अच्छी तरह से संरक्षित रखे गए टाइरेनोसॉरस या टी रेक्स के कंकाल को वैज्ञानिक बर्लिन के संग्रहालय में जोड़ कर खड़ा करेंगे. उसके भी पहले आप यहां देख सकते हैं खौफ पैदा वाले टी रेक्स के अवशेष.
बर्लिन के म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री में टी रेक्स का 13 मीटर लंबा कंकाल देखा जा सकता है. केवल इसके सिर की ही लंबाई 1.5 मीटर है. दिसंबर 2015 से ट्रिस्टान तीन सालों के लिए लोगों के सामने होगा.
ट्रिस्टान के कंकाल को अमेरिका के मोंटाना प्रांत में पाया गया था. किसी अनजान व्यक्ति ने इसे बर्लिन संग्रहालय को दान कर दिया था. लेकिन उसके पहले वैज्ञानिक बहुत ध्यान से इसे जोड़ने के काम में लगे हैं.
करीब 7 करोड़ साल पहले धरती पर रहने वाले इस विशालकाय जीव के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए पुरातत्वविदों का एक दल उसी जगह का दौरा कर रहा है जहां ट्रिस्टान का कंकाल मिला था.
जर्मनी के फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड सर्किट्स ने हाल ही में टी रेक्स परिवार के एक दूसरे डायनासोर के सिर के कंकाल का अध्ययन करने के लिए एक्सरे तकनीक का इस्तेमाल किया. इस मशीन से पहले शिपिंग कंटेनरों को स्कैन किया जाता था.
फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट जिस टी रेक्स को स्कैन कर सका है वह भी ट्रिस्टान की तरह मोंटाना में ही मिला था. यह इस नस्ल की अब तक सबसे अच्छी हालत में बरामद हुई खोपड़ी है.
फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट जिस टी रेक्स को स्कैन कर सका है वह भी ट्रिस्टान की तरह मोंटाना में ही मिला था. यह इस नस्ल की अब तक सबसे अच्छी हालत में बरामद हुई खोपड़ी है.
मिषाएल बोएनेल उन रिसर्चरों में से एक हैं जो इन खोपड़ियों के भीतर की संरचना को समझने के लिए काम कर रहे हैं. 3 डी तस्वीरों की मदद से खोपड़ी को तोड़े बिना कई जानकारियां पाई जा सकेंगी.