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बर्रों ने 42 को मारा

४ अक्टूबर २०१३

चीन के तीन शहरों में बर्रों का आतंक फैला है. बर्रों के काटने से अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है, 206 को अस्पताल जाना पड़ा है. आशंका है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से बर्रे शहरों की तरफ जाने को मजबूर हुए हैं.

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तस्वीर: cc/by/sa/Flugwapsch62

पश्चिमोत्तर चीन में हाल के महीनों में बर्रों ने 1,640 लोगों काटा. बर्रों ने इन लोगों के शरीर पर बड़े छेद से कर दिए. कई लोगों को सिर पर काटा. अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है. ज्यादातर मामले अंकांग, हानजोंग और शांगलुओ शहर में सामने आए हैं. क्वीन वेस्पा मैंडारीनिया नाम का ये बर्र हाथ के अंगूठे के बराबर बड़ा है.

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट कहती है, "एयर कंडीशनिंग, शहरीकरण और रिहायशी परिवेश के बढ़ते चलन से बर्रे शहरों की तरफ बसने लगे हैं." इस वजह से इंसान के साथ इनका टकराव बढ़ रहा है.

नॉर्थवेस्ट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में उड़ने वाले कीटों के विशेषज्ञ प्रोफेसर हुआ बाओजेन कहते हैं, "बर्र उजले रंगों, इंसानी पसीने की गंध, अल्कोहोल और परफ्यूम के प्रति संवेदनशील होते हैं. खास तौर पर उन्हें मीठी चीज पसंद होती हैं, दौड़ते इंसान या जानवर भी उनका ध्यान खींचते हैं." हुआ के मुताबिक पारिस्थिकीय तंत्र में हो रहे बदलाव की वजह से बर्र भी संघर्ष कर रहे हैं.

बर्रों के डंक का शिकार हुए लोगों के इलाज के लिए स्थानीय प्रशासन ने 60 लाख युआन की मदद दी है. प्रांतीय सरकार ने बर्रों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए तीन टीमें भेजी हैं. लोगों से अपील की गई है कि बर्रों को भगाने के लिए अपने मन से ताकतवर कीटनाशकों को इस्तेमाल न करें. बर्र अगर पूरी तरह उजड़े तो अगले साल बंसत में पेड़ पौधों के परागण में मुश्किल होगी. खेती और बागवानी पर इसका बड़ा असर पड़ेगा.

ओएसजे/एएम (एएफपी)

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