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बच्चों के जेब खर्च पर भी मंदी की मार

२२ सितम्बर २०१०

मंदी के असर से न सिर्फ दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं परेशान हैं, बल्कि अब इसकी मार बच्चों के जेब खर्च पर भी पड़ने लगी है. ब्रिटेन में बच्चों को हर हफ्ते मिलने वाली पॉकेट मनी घट कर सात साल के सबसे कम स्तर पर आ गई है.

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टॉफी लूं या न लूं ?तस्वीर: BilderBox

एक सर्वे में पता चला है कि मंदी से उबर रहे ब्रिटेन में लोग गैरजरूरी खर्चों में खासी कटौती कर रहे हैं. बच्चों की पॉकेट मनी को भी इसी दायरे में रखा जा रहा है. इस साल बच्चों को हफ्ते भर में मिलने वाली पॉकेट मनी घट कर औसतन 5.89 पाउंड रही गई है जो पिछले साल 6.24 पाउंड हुआ करती थी. इस तरह ब्रिटेन में 2003 के बाद बच्चे आजकल सबसे कम पॉकेट मनी पर गुजार कर रहे हैं. सात साल पहले औसतन पॉकेट मनी 5.79 पाउंड थी.

वैसे पिछले एक साल में ब्रिटेन में लोगों के वेतन और मेहनताने में हल्का सा इजाफा हुआ है, फिर भी बच्चों की जेब पर कटौती की कैंची चल रही है. ब्रिटेन में जुलाई तक की तिमाही में हफ्ते भर का औसतन वेतन 431 पाउंड रहा. इसमें बोनस शामिल नहीं है. इस तरह एक साल पहले के मुकाबले वेतन में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

आधुनिक सोच के तमाम दावों के बावजूद लड़के और लड़की के बीच का फर्क ब्रिटेन में भी दिखता है. वहां मां बाप बेटों के मुकाबले बेटियों को कम जेब खर्च देते हैं. ठीक उसी तरह जैसे कई जगह महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम वेतन मिलता है. इस ब्रिटिश सर्वे में 8 से 15 साल के 1,204 बच्चों को शामिल किया गया. यह सर्वे 26 अगस्त से दो सितंबर के बीच हुआ.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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