बच्चों की तरह लड़ रहे हैं तुर्की और इराक
१४ अक्टूबर २०१६असल में झगड़ा इराक में तुर्की के सैनिकों की तैनाती का है. इराक चाहता है कि तुर्की मोसुल के पास तैनात अपने सैनिकों को हटा ले. लेकिन तुर्क राष्ट्रपति रेचेप तैयब एर्दोआन का कहना है कि उन्हें इराक से ये सलाह लेने की जरूरत नहीं है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं.
एर्दोआन ने कहा कि इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने खुद उनसे कहा था कि वो इस्लामिक स्टेट के गढ़ मोसूल के पूर्वोत्तर में बाशिका इलाके में एक सैन्य बेस बनाएं. तुर्की ने पिछले साल बाशिका क्षेत्र में अपने सैनिक भेज दिए और कहा कि ये तैनाती इस्लामिक स्टेट के खिलाफ ट्रेनिंग अभियानों का नियमित हिस्सा है और इराकी सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है. लेकिन इराक का कहना है कि तुर्की ने उसे कुछ नहीं बताया. इसी बात से तुर्की के राष्ट्रपति इराकी पीएम से खफा हैं. उन्होंने कहा, "आप मेरे बराबर ही नहीं हो, आप में वो काबलियत ही नहीं है, आपके अंदर मेरे जैसी क्षमता ही नहीं है. अपनी हद में रहिए.”
इसके जबाव में इराकी पीएम ने तुर्क राष्ट्रपति का मजाक उड़ाया है. उन्होंने कहा, "सच है कि हम आपके बराबर नहीं हैं. हम अपनी भूमि को अपने लोगों के संकल्प से आजाद कराएंगे, स्काइप से नहीं.” उनका इशारा तुर्क राष्ट्रपति की तरफ था जिन्होंने जुलाई में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के दौरान अपने फोन के जरिए टीवी चैनल पर लोगों को संबोधित किया और अपने लिए समर्थन जुटाने की कोशिश की थी.
बाद में, इराकी विदेश मंत्रालय ने बगदाद में तुर्की के राजदूत को तलब कर डांट भी पिलाई. इराकी विदेश मंत्री ने कहा कि राजदूत विदेश मंत्रालय की इमारत में आए और उन्हें "सख्त अल्फाज” वाला एक मेमो थमाया गया है, और ऐसा तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के "भड़काऊ बयान” और इराक में तुर्की की सेना की अवांछित मौजूदगी के मद्देनजर किया गया है.
एके/एमजे (एएफपी/डीपीए)