बच्चे और नौकरी दोनों चलेगी साथ
नए मातृत्व अवकाश कानून के बाद भारत में विश्व में लंबे सवैतनिक अवकाश देने वाले देशों में कनाडा और नॉर्वे के बाद तीसरे स्थान पर होगा. देखिए दुनिया भर की सरकारें और कंपनियां नौकरीपेशा मांओं के लिए क्या कुछ कर रही हैं.
मातृत्व लाभ (संशोधित) एक्ट, 2016
भारतीय मातृत्व लाभ एक्ट 1961 के अनुसार पहले महिला को 12 हफ्तों का अवकाश मिलता था और इसका आधा यानी 6 हफ्ते वह बच्चे के जन्म से पहले ले सकती थी. अब नये संशोधित कानून के मुताबिक किसी महिला को कुल 26 हफ्ते का अवकाश मिल सकेगा, जिसमें से 8 हफ्ते वह पहले ले सकेगी.
दत्तक, सरोगेट मांएं भी शामिल
इस लाभ के दायरे में तीन महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने वाली महिलाओं या सेरोगेट मांओं को भी शामिल किया गया है. नये कानून के अनुसार इन्हें 12 हफ्ते की छुट्टी मिल सकती है. गोद लेने के मामले में बच्चे को घर लाने के समय से यह 12 हफ्ते गिने जाएंगे.
कई कामकाजी मांएं अब भी सुविधा घेरे से बाहर
भारत में इस कानून से संगठित क्षेत्रों में काम करने वाली करीब 18 लाख महिलाओं को लाभ होने का अनुमान है. लेकिन असंगठित क्षेत्रों में काम कर महिलाओं के लिये इसमें कुछ भी नहीं है. कई नौकरीपेशा महिलाओं को बच्चे के जन्म और शुरुआती सालों में उनके पालन पोषण के लिए नौकरी छोड़नी पड़ती है. इस तरह महिलाएं वर्कफोर्स से बाहर हो जाती हैं और दोबारा लौटने का रास्ता मुश्किल हो जाता है.
पिताओं के योगदान पर जोर नहीं
स्वीडन में करीब चालीस साल पहले ही पितृत्व अवकाश का कॉन्सेप्ट आया था. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार आज 167 में से 78 देशों में पिता बनने वाले पुरुषों को कानूनी अवकाश मिलता है. भारत में लैंगिक असमानता के बने रहने के पीछे बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारियां दोनों में ना बंटना भी एक बड़ा कारण है.
कॉर्पोरेट जगत में महिला प्रमुखों की अहम भूमिका
इंटरनेट कंपनी याहू की सीईओ मारिसा मायर ने पहली बार खुद मां बनने पर तो केवल दो हफ्ते की छुट्टी ली लेकिन अपनी कंपनी में 16 हफ्तों के मातृत्व अवकाश की नीति को मंजूरी दी.
सभी तरह के माता, पिता और अभिभावक शामिल
1 जनवरी 2016 से अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट कंपनी पेपाल ने अपनी सवैतनिक मातृत्व अवकाश नीति में बदलाव लाते हुए मांओं को पहले 8 हफ्तों के लिए पूरे वेतन पर छुट्टी देने का नियम बनाया है. उसके बाद माता, पिता या समलैंगिक पार्टनर भी 8 से लेकर 16 हफ्तों तक का अवकाश लेकर बच्चे के साथ घुलने मिलने में समय बिता सकते हैं.
गोद लेने को भी बढ़ावा
ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी ईबे ने भी हाल ही में मातृत्व अवकाश के दौरान मिलने वाले वेतन में भारी बढ़ोत्तरी के साथ नए पिताओं को भी 12 हफ्ते तक पूरे वेतन के साथ छुट्टी देने की नीति बनाई है. गोद लिए बच्चों के मामले में भी बराबर सुविधा मिलेगी और बच्चे के खर्च के लिए एक बार बोनस राशि भी.
फेसबुक प्रमुख ने पेश की मिसाल
सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक में भी नए बदलाव हुए हैं. इसमें नए पिताओं और समलैंगिक पार्टनरों के लिए चार महीने तक पूरे वेतन के साथ छुट्टी लेने की व्यवस्था है.
कैसा है जर्मनी में नौकरीपेशा मां होना
जर्मनी में मातृत्व एवं पितृत्व अवकाश की नीतियां पूरे विश्व की सबसे उदार नीतियों में गिनी जाती हैं. जर्मनी में बच्चे के जन्म से तीन साल तक छुट्टी मिल सकती है. इनमें से केवल पहले 26 हफ्ते ही पूरे वेतन के साथ जबकि बाद के 26 हफ्ते कम वेतन के साथ मिलती है. बाद के दो साल कोई वेतन नहीं मिलता लेकिन नौकरी बनी रहती है.