1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बगदाद में विस्फोट, 42 की मौत

२७ जनवरी २०११

इराक की राजधानी बगदाद के शिया बहुल इलाके में शक्तिशाली कार बम विस्फोट में 37 लोगों की मौत हुई है. धमाका अंतिम संस्कार के दौरान हुआ. दो महीनों में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर मारे गए लोग. एक अन्य हमले में पांच मारे गए.

https://p.dw.com/p/1069I
तस्वीर: AP

यह विस्फोट उत्तरी बगदाद के शिया बहुल इलाके शुआला में हुआ. रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, "टेंट के बाहर कार में बम विस्फोट हो गया जहां शोकाकुल लोग अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए एकत्र हुए थे. घटना में 37 लोग मारे गए हैं और 78 घायल हुए हैं." धमाके के बाद वह टेंट बुरी तरह जल कर खाक हो गया जिसमें अंतिम संस्कार हो रहा था.

Irak Anschlag südlich von Baghdad
तस्वीर: picture alliance/dpa

घटनास्थल पर चारों ओर खून नजर आ रहा है, जूते और कपड़े बिखरे हैं. बम विस्फोट के आस पास खड़ी कारों को भी नुकसान पहुंचा है. नजदीकी घरों तक बम के असर से खिड़कियों के शीशे टूट गए. घटनास्थल तक जाने वाली सड़कों को सुरक्षा बलों ने सील कर दिया है.

पुलिस को लोगों के रोष का सामना करना पड़ रहा है. भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया है जिसके चलते हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. इराकी प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने इलाके के सुरक्षा प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल अहमद अल उबैदी की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए हैं. गुरुवार को शहर के अन्य इलाकों में भी विस्फोट हुए जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और 21 घायल हुए.

गुरुवार को हुए हमलों में मृतकों की संख्या 42 तक पहुंच गई. 2 नवंबर के बाद यह पहली बार है जब बगदाद में हमलों में किसी एक दिन इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं. 2 नवंबर को हुए हमले में 63 लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए. उस दिन भी शिया बहुल इलाकों को निशाना बनाया गया. पिछले हफ्ते कर्बला शहर में कार बम हमले में 57 लोगों की जान चली गई.

इराक से अमेरिकी सेना सैन्य शिविरों में और स्वदेश लौट रही है और सुरक्षा की जिम्मेदारी इराकी सुरक्षा बलों के कंधों पर है. एक महीने पहले ही प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने राष्ट्रीय एकता सरकार का गठन किया है जिससे इराक में पिछले एक साल से चली आ रही राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति पर विराम लग गया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें