1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
कला

बंदरों के साथ रहने वाली एक बच्ची

७ अप्रैल २०१७

उत्तर प्रदेश पुलिस हाल के सालों में दर्ज गुमशुदा बच्चों की रिपोर्टों को खंगाल रही हैं ताकि इस बच्ची की पहचान की जा सके जो पुलिस को जंगल में मिली थी. पुलिस को जंगल से 10-12 साल की लड़की मिली थी जो बंदरों के साथ रहती थी.

https://p.dw.com/p/2aqxf
Indien - Mädchen das mit Affen aufwuchs gefunden
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/KK Productions

जनवरी में जब यह बच्ची मिली थी तब न तो वह बोल पाती थी, न कपड़े पहनती थी और बहुत ही कमजोर हालत में थी. इसके बाद उसे बहराइच के अस्पताल में दाखिल कराया गया था. बहराइच के सरकारी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि पहले वो बच्ची पशुओं की तरह व्यवहार करती थी, अपने हाथ और पैर के बल दौड़ा करती थी और जमीन पर रखा भोजन अपने मुंह से खाती थी. लेकिन अब इलाज के बाद उसने चलना-फिरना शुरू कर दिया है और भोजन भी हाथ से करने लगी है. सिंह ने बताया, "वह अब भी बोल नहीं पाती लेकिन आप उससे जो भी कहते हैं सब समझती है और मुस्कराती है."

पुलिस अधिकारी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि कुछ लकड़हारों ने उस बच्ची को बंदरों के साथ घूमते हुये देखा था जिसके बाद पुलिस को खबर की गई थी. उन्होंने बताया, "जब बच्ची को बचाया गया था तब इसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था और वह बंदरों के साथ बहुत आराम में थी. जब उन्होंने बच्ची को बचाने की कोशिश की तब बंदरों ने बचाव दल का पीछा भी किया. जब भी उसे बचाने की कोशिश की जाती, बंदरों का दल हमला करता लेकिन अंत में बचाव दल को सफलता मिली और लड़की को सुरक्षित जंगल से निकाल लिया गया."

सिंह ने बताया कि पुलिस लड़की के बारे में जानकारी जुटाने की हर संभव कोशिश कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उसके माता-पिता कौन हैं और ये जंगल कैसे पहुंच गई. पुलिस के मुताबिक जब तक उसकी पहचान नहीं हो जाती उसे अस्पताल के बाद बाल-गृह में भेज दिया जायेगा.

एए/एके (एपी)