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फ्रेंच ओपन का पोस्टर भारतीय कलाकार ने रचा

२७ मई २०१०

फ्रेंच ओपन में भारत की भागीदारी सिर्फ सोमदेव देवबर्मन या लिएंडर पेस के तौर पर ही नहीं है. बल्कि 2010 का फ्रेंच ओपन पोस्टर भारत की कलाकार नलिनी मालानी ने बनाया है.

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तस्वीर: AP

रोलां गैरां 2010 लिखा हुआ यह पोस्टर एक महिला टेनिस खिलाड़ी का है जिसके आस पास कईं सुनहरी तितलियां हैं. 64 साल की नलिनी मालानी अपने चित्र का वर्णन करते हुए कहती हैं, "ये युवा खिलाड़ी पूरे बह्मांड में डग भरती है. वह एक जादुई स्पेस में है जहां उसके आस पास सुनहरी तितलियां हैं. नीचे गिरती हुई ये महिला इस बात को दिखाती है कि हम हार भी सकते हैं लेकिन खेल खेलना चाहिए."

पीटीआई से बात करते हुए नलिनी ने बताया, "फ्रेंच ओपन से जुड़ना बहुत अच्छा है और उसके लिए पोस्टर बनाना बहुत ही संतोष कारक है. यह पोस्टर दुनिया भर में देखा जाएगा. मुझे ये कहते हुए बहुत ख़ुशी है कि मेरा काम यूरोप में बहुत सराहा जाता है."

1980 से, जबसे फ्रेंच ओपन का पोस्टर औपचारिक तौर से बनाया जाने लगा तब से लेकर अब तक कई यूरोपीय चित्रकारों, कलाकारों ने इस पोस्टर को बनाया है. इसमें स्पेन के कैटेलोनिया के कलाकार होआन मिरो और एंटोनी तापिस हैं तो बेल्जियम के पीयरे अलेख़िन्स्कि भी. लेकिन नलिनी पहली एशियाई और भारतीय महिला हैं जिन्हें ये गर्व मिला है. नलिनी कराची में पैदा हुईं और भारत में पली बढ़ी हैं. उन्होंने 1969 में जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट्स से डिप्लोमा किया.

नलिनी ने भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की तारीफ करते हुए कहा, "वह सबसे युवा खिलाड़ी हैं और बहुत मेहनत कर रही हैं. उनके टेनिस ने यहां लोगों के दिमाग में क्रांति पैदा की है. इससे मुक्ति महसूस हुई. उच्चवर्ग में भले ही पुरुषों का टेनिस खेलना सामान्य माना जाता रहा हो लेकिन लड़कियों को लंबे समय तक इसकी इजाजत नहीं थी."

नलिनी मालानी की पेंटिंग्स समकालीन और आधुनिक चित्रकला में आती हैं. वह एक तरह से परंपरा को तोड़ने वाली हैं. चित्रों में सिर्फ रंगों का ही इस्तेमाल नहीं बल्कि इनमें हर संभव माध्यम का उपयोग किया गया है. उनके चित्र अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, विवादों, विचारों की चर्चा करते करते हैं और दृढ़ता से अपनी बात सामने रखते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः एस गौड़